राज्य में एंटी टेरोरिज्म स्क्वॉड छापा मारने की कार्रवाई कर रही है। ये छापे रोहिंग्या मुसलमान के आतंकी तारों के अनुरूप मारे जा रहे है। जहां छापा कार्रवाई चल रही है उनमें से कई ठिकाने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं।
उत्तर प्रदेश के खलीलाबाद, अलीगढ़ समेत कई क्षेत्रों में एंटी टेरोरिज्म स्क्वॉड का छापा पड़ा है। ये कार्रवाई गुप्त सूचनाओं के आधार पर मारा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार इसके पीछे मुख्य कारण राज्य में रोहिंग्या मुसलमानों की घुसपैठ और उनके आतंकी कनेक्शन की गुप्त सूचनाओं के बाद एटीएस कर रही है।
Uttar Pradesh Anti-Terrorism Squad conducts raids at several locations in the state including Khalilabad and Aligarh. The raids are being carried out in connection with Rohingyas and terror funding.
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 6, 2021
ये कार्रवाइयां गणतंत्र दिवस के लिहाज से भी हो सकती हैं। उत्तर प्रदेश में इसके पहले भी यूपी एटीएस ने बरेली से एक युवक को गिरफ्तार किया था। जो युवकों को भड़काकर आतंकी गतिविधियों में शामिल करता था। इसका नाम सलमान खुर्शीद वाणी था जो जम्मू कश्मीर के रामबन का रहनेवाला है। ये गिरफ्तारी जून में हुई थी। इसके अलावा भी यूपी में गिरफ्तारियां चो चुकी हैं।
ये है आतंकी कनेक्शन
रोहिंग्या मुसमानों का एक आतंकी दल भी है जिसे अका मुल मुजाहिदीन (एएमएम) के नाम से जाना जाता है। इसके तार हाफिज सईद के लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद से हैं। जानकारी के अनुसार अका मुल मुजाहिदीन के आतंकियों को पाकिस्तान में प्रशिक्षित किया जाता है। एएमएम की उत्पत्ति हरकत उल जिहाद इस्लामी अरकन (हुजी-ए) से हुई है। रोंहिग्या के एएमएम आतंकी समूह का प्रमुख लीडर छोटा बर्मी कश्मीर में सुरक्षा बलों के हाथों ढेर हो चुका है जो कश्मीरी आतंकियों और रोहिंग्या के लिंक का बड़ा साक्ष्य है।
मीडिया संस्थानों को मिली जानकारी के आनुसार रिसर्च एंड अनालिसिस विंग (आर एंड एडब्लू) को दो लाख डॉलर के लेनदेन की जानकारी मिली थी। संवेदनशील गुप्त कागजातों के आधार पर ये पता चला था कि ये लेनदेन कुलालांपुर स्थित रोहिंग्या नेता मोहम्मद नासीर और फरार आतंक शिक्षक जाकिर नाईक द्वारा किया गया था।
बता दें कि केंद्र सरकार ने पहले ही जानकारी दी है कि देश में रोहिंग्या और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के बीच संबंध हैं। रोहिंग्या मुसलमानों की भारत में अवैध घुसपैठ 2012-13 में शुरू हुई थी। ये जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा साझा की गई थी। इसमें से कुछ लोगों के आतंकी कनेक्शन होने की भी पुष्टि हुई थी। रोहिंग्या मुसलमानों के संबंध में एक याचिका भी 2017 में सर्वोच्च न्यायालय में दायर हुई है जिस पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कई जानकारियां न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की हैं। ये याचिका रोहिंग्या मुसलमान मोहम्मद सलीमुल्लाह और मोहम्मद शाकिर ने दायर की है। ये दोनों युनाइटेड नेशन हाइकमिश्नर फॉर रिफ्यूजीज़ के अंतर्गत पंजीकृत हैं। उनकी याचिका पर सुनवाई अभी भी सुप्रीम कोर्ट में चल रही है।
इसके अनुसार केंद्र सरकार ने न्यायालय को बताया था कि ये केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वो भारतीय नागरिकों के खिलाफ किसी भी खतरे या हस्तक्षेप के विरुद्ध कार्रवाई करे। सरकार ने बताया कि रोहिंग्या मु्स्लिम अवैध हैं। उनका स्थाई निवास देश के लिए खतरा है।
शरणार्थी नहीं घुसपैठिये हैं रोहिंग्या
रोहिंग्या मुसमानों के संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि, म्यांमार से भारत आए रोहिंग्या मुसमान शरणार्थी नहीं बल्कि घुसपैठिये हैं।
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