हिजाब को लेकर ईरान में महिलाओं पर कार्रवाई लगातार जारी है। वर्तमान स्थिति यह है कि, हिजाब न पहननेवाली महिलाओं को नौकरी, अस्पताल में ईलाज का अधिकार, गाड़ियां सब छीनी जा रही हैं। ईरान सरकार की यह कार्रवाई एमनेस्टी इंटरनेशनल के सर्वेक्षण में सामने आई है। महिलाओं के प्रति इस भेदभाव से मानवता वादी संगठनों में नाराजगी है।
ईरान में हिजाब पहनने को लेकर महिलाओं ने विरोध कर दिया था। इसके बाद कई छात्राओं, महिलाओं पर पुलिस कार्रवाइयां हुईं, जिसमें बहुतों को अपना प्राण गंवाना पड़ा। इसके बाद भी ईरान में हिजाब का विरोध महिलाओं ने नहीं रोका। महिलाएं वहां बिना हिजाब के निकलने लगी। जिसके बाद कट्टरवादी सरकार द्वारा ऐसी महिलाओं के मानवाधिकार हनन की कार्रवाई शुरू हो गई है।
एमिनेस्टी इंटरनेशनल के सर्वे में खुलासा
अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था एमिनेस्टी इंटरनेशनल के सर्वे में सामने आया है कि, ईरान में पुलिस प्रशासन सीधे हिजाब न पहननेवाली महिलाओं पर कार्रवाई कर रहा है। इस कार्रवाई में कई महिलाओं की कार जब्त कर ली गई है। नौकरी से हिजाब न पहननेवाली महिलाओं को निकाला जा रहा है। न्यायालय के माध्यम से भी कार्रवाई की जा रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार अभी तक लगभग दो हजार कारें जब्त की गई हैं। हिजाब न पहनने के एक प्रकरण में पिछले महीने महिला को शवों की सफाई करने का आदेश दिया गया था। इसके अलावा यूनिवर्सिटी में शिक्षा ले रही या पढ़ा रही महिलाओं को निकाल दिया गया है।
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शतरंज खिलाड़ी ने छोड़ा देश
ईरान की महिला शतरंज खिलाड़ी सारा खदेम ने एफआईडीई वर्ल्ड रैपिड एण्ड ब्लिट्ज चस चेम्पियनशिप में बिना हिजाब के हिस्सा लिया था। जिसके कारण ईरान सरकार ने उसकी गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया। इस परिस्थिति को देखते हुए स्पेन सरकार ने शतरंज खिलाड़ी सारा खदेम को नागरिकता दे दी।