महाराष्ट्र में 1.63 करोड़ अनपढ़, सोलापुर सहित इन जिलों में निरक्षरों की संख्या अधिक

देश वैश्विक महाशक्ति बनने की राह पर है और भारत दुनिया भर में सबसे अधिक युवाओं के देश के रूप में जाना जाता है।

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महाराष्ट्र के शिक्षा निदेशालय (योजना) ने निरक्षरों की जिलेवार सूची की घोषणा की है। वर्तमान में राज्य में एक करोड़ 63 लाख निरक्षर हैं। शिक्षा की राजधानी पुणे जिले में 10 लाख 67 हजार 823 लोग निरक्षर हैं। नौ जिलों नासिक, सोलापुर, नगर, पालघर, जलगांव, मुंबई, नांदेड़, ठाणे में 73 लाख 61 लाख 460 निरक्षर हैं।

देश में पांच करोड़ से अधिक अनपढ़
नई तकनीक के युग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे प्रयोग हो रहे हैं। देश वैश्विक महाशक्ति बनने की राह पर है और भारत दुनिया भर में सबसे अधिक युवाओं के देश के रूप में जाना जाता है। लेकिन, उसी देश में पांच करोड़ से ज्यादा लोग निरक्षर हैं, जिनमें महाराष्ट्र के बावन करोड़ लोग भी शामिल हैं। वे लोग अब कुछ भी करके 2027 तक साक्षर हो जायेंगे। इसके लिए प्रत्येक 10 व्यक्ति पर एक स्वयंसेवक नियुक्त किया जाएगा।

अनपढ़ भी चला रहे हैं मोबाइल
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, एनसीसी, नेहरू युवा केंद्र के युवा (न्यूनतम 8वीं पास) से लेकर प्रत्येक कॉलेज के छात्र स्वयंसेवक के रूप में काम कर सकती हैं। खास बात यह है कि कई निरक्षरों को अक्षर ज्ञान नहीं है, लेकिन वे एंड्रायड मोबाइल चला लेते हैं। इसलिए उन्हें मोबाइल पर ऑनलाइन शिक्षा दी जाएगी।

15 से 35 वर्ष के लोग टार्गेट
पहली बार 15 से 35 वर्ष के लोगों को पढ़ाया जाएगा। महिलाओं, लड़कियों, अनुसूचित जाति, ओबीसी, अल्पसंख्यकों, निर्माण श्रमिकों, मजदूरों को प्राथमिकता पर साक्षर करना है। स्वयंसेवक जिला परिषद स्कूलों में निरक्षरों को स्कूल से एक घंटा पहले और स्कूल के बाद एक घंटा पढ़ा भी सकेंगे। आदेश में यह भी उल्लेख है कि उन्हें हमारे सरकारी सेवा केंद्रों पर मुफ्त शिक्षा भी दी जाएगी।

10 व्यक्तियों पर एक स्वयंसेवक
प्रदेश के निरक्षरों को साक्षर करने के लिए वर्ष 2023 से 2027 तक पांच वर्ष का समयबद्ध कार्यक्रम तैयार किया गया है। इस वर्ष ‘नव भारत साक्षरता कार्यक्रम’ के तहत 12 लाख 40 हजार निरक्षरों को साक्षर बनाया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक 10 व्यक्तियों पर एक स्वयंसेवक नियुक्त किया जाएगा।

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5वीं, 8वीं, 10वीं परीक्षा में हो सकते हैं शामिल
महाराष्ट्र राज्य ओपन स्कूल बोर्ड, पुणे द्वारा निरक्षरों के लिए एक वर्ष में दो परीक्षण आयोजित किए जाएंगे। प्रथम स्तर की माप परीक्षा दिवाली और दूसरी फरवरी में होगी। दोनों परीक्षाओं में उत्तीर्ण होने वाले लोग पांचवीं, आठवीं, दसवीं और बारहवीं परीक्षा में शामिल हो सकेंगे।

ये हैं सर्वाधिक निरक्षरता वाले 9 जिले

-पुणे 10,67,823

-मुंबई 10,61,014

-नासिक 8,60,258

-सोलापुर 8,24,484

-नगर 7,84,324

-जलगांव 7,34,335

-पालघर 6,81,573

-ठाणे 6,81,574

-नांदेड़ 6,66,075

-कुल 73,61,460

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