मलेरिया की चपेट में महाराष्ट्रः 30 दिन में मिले ‘इतने’ मरीज, दो की मौत

स्टेट एंटोमोलॉजिस्ट डॉ. महेंद्र जगताप के अनुसार मच्छरों के प्रजनन स्थलों को रोकने, निर्माण क्षेत्रों में दवाओं के छिड़काव, जलाशयों और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में चिकित्सा जांच की जरूरत है।

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महाराष्ट्र में पिछले 30 दिन में मलेरिया के 10 हजार 125 मरीज मिले हैं। इस अवधि में दो मरीजों की मौत हुई। इनमें मुंबई में मलेरिया के 736 मरीज शामिल हैं। इसी समयावधि में पिछले साल अगस्त में 10 हजार 42 मरीज मिले थे और पांच की मौत हुई थी।

स्वाइन फ्लू से 98 लोगों की मौत
साथ ही राज्य में अब तक स्वाइन फ्लू से 98 लोगों की मौत हो चुकी है। चिकनगुनिया का प्रसार बढ़ गया है और 563 मामले सामने आए हैं। राज्य में 21 अगस्त 2022 तक डेंगू के 2 हजार 563 मामले पाए गए, पिछले साल इतनी ही संख्या 5 हजार 971 थी। इन आंकड़ों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है और हर जिले में आवश्यक कार्रवाई का निर्देश जारी किया है।

मुंबई में मौसमी बीमारी का प्रकोप
स्टेट एंटोमोलॉजिस्ट डॉ. महेंद्र जगताप के अनुसार मच्छरों के प्रजनन स्थलों को रोकने, निर्माण क्षेत्रों में दवाओं के छिड़काव, जलाशयों और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में चिकित्सा जांच की जरूरत है। महामारी रोगों वाले क्षेत्रों में विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। शुष्क दिवस मनाने, स्वच्छता बनाए रखने आदि पर जोर दिया जा रहा है। मुंबई में मलेरिया के 736 मरीज, डेंगू के 147 मरीज, चिकनगुनिया के 3 मरीज, गैस्ट्रो के 444 मरीज, लेप्टो के 61 मरीज, पीलिया के 51 मरीज पाए गए हैं।

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