उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अयोध्या (Ayodhya) श्री राम जन्मभूमि मंदिर (Shri Ram Janmabhoomi Temple) की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम (Pran Pratishtha Program) में श्री रामलला के दर्शन के लिए उत्तराखंड (Uttarakhand) के 1500 श्रद्धालु (Devotees) सब से पहले दर्शन (Darshan) कर सकेंगे। मिली जानकारी के अनुसार, विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) अपने खर्च पर विशेष ट्रेन (Special Train) चलाएगी।
विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने हरिद्वार प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 17 जनवरी से शुरू होगा।
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ट्रेन 26 जनवरी को अयोध्या पहुंचेगी
विश्व हिंदू परिषद अपने खर्चे पर उत्तराखंड से 1500 श्रद्धालुओं को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम दर्शन के लिए विशेष ट्रेन से अयोध्या ले जाएगी। ट्रेन देहरादून से शुरू होकर हरिद्वार से बरेली तक जाएगी और 26 जनवरी को अयोध्या पहुंचेगी। राम भक्त श्री रामलला के सबसे पहला दर्शन 27 जनवरी को
करेंगे। 22 जनवरी को भगवान श्रीराम की जन्मस्थली पर बन रहे भव्य मंदिर में करीब 500 साल के संघर्ष के बाद रामलला दोबारा विराजमान होंगे।
होंगे ये कार्क्रम
पत्रकारों से बात करते हुए आलोक कुमार ने कहा कि 17 जनवरी से श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम शुरू होगा। पांच वर्ष की आयु में रामलला की पांच फीट ऊंची प्रतिमा का नगर भ्रमण 17 जनवरी को होगा। 18 जनवरी को जल उपवास, 19 जनवरी को उपवास और 20 जनवरी को शय्या उपवास होगा। विश्राम एवं प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को ब्रह्म मुहूर्त में प्रारंभ होगी।
इस भव्य आयोजन में सभी धर्मों के लोग लेंगे हिस्सा
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में हिंदू धर्म के सभी लोगों को शामिल होने की अनुमति है। इस भव्य आयोजन में हिंदू समाज उत्साहपूर्वक शामिल होगा और इस ऐतिहासिक अवसर में भाग लेगा।
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