मध्य प्रदेश के दमोह में सनातन धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपनाने वाले करीब 250 लोगों ने 25 दिसंबर को क्रिसमस के अवसर पर पुन: सनातन धर्म अपना लिया और अपनी पुन: घर वापसी कर ली। सभी का आशीर्वाद गार्डन में विधि विधान से हवन-पूजन कराया गया। इसके बाद बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समक्ष इन सभी को बुलाया गया, जहां इन्होंने अपना धर्म छोड़ने पर माफी मांगी और अब कभी अपना धर्म न छोड़ने का संकल्प लिया। इस दौरान घर वापसी करने वाले सैकड़ों महिला-पुरुष पीठाधीश्वर से मिलने पहुंचे।
लोभ और लालच के चलते छोड़ा था धर्म
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इन सभी लोगों को शपथ दिलाई कि वह अब जीवन में कभी दोबारा अपना धर्म छोड़कर किसी और धर्म में नहीं जाएंगे। काफी साल पहले कई प्रकार के लोभ और लालच के चलते शहर के आसपास के गांव में रहने वाले करीब 250 लोगों ने अपना धर्म छोड़कर इसाई धर्म अपना लिया था। यह लोग वापस अपने धर्म में आना चाह रहे थे, लेकिन कोई माध्यम नहीं मिल पा रहा था। सनातम धर्म में वापसी करने वाले युवक जितेंद्र अहिरवार ने कहा कि उसके पिता से धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों ने मेरे पैरों का इलाज करवाने के लिए कहा था, लेकिन कोई इलाज नहीं करवाया। उनका कहना होता है कि यदि घर पर किसी की मौत भी हो जाए तो पहले चर्च आकर प्रार्थना करनी है, लेकिन वह लोग गरीब हैं, काम पर जाने के कारण प्रार्थना नहीं कर पाते तो वह लोग घर पर आकर डांटते थे। सनातन धर्म के बारे में गलत बोलते थे।