Global Digital Payments: जानिये, कितना प्रतिशत भारत में किया जाता है, वैश्विक डिजिटल भुगतान

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने पिछले एक दशक में देश में बुनियादी ढांचे के विकास पर सरकार के फोकस को भी रेखांकित किया और कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण 90 हजार किलोमीटर से बढ़कर 150 हजार किलोमीटर हो गया है।

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Global Digital Payments: केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर(Union Information and Broadcasting Minister Anurag Thakur) ने 27 फरवरी को फिक्की के राष्ट्रीय सम्मेलन(FICCI National Conference) को संबोधित किया। इस अवसर पर विकसित भारत और उद्योग विषय पर(On the topic of developed India and industry) बोलते हुए अनुराग ठाकुर ने सबसे पहले करदाताओं के प्रति आभार व्यक्त(expressed gratitude to taxpayers) किया। उन्होंने कहा कि यह ईमानदार करदाताओं(honest taxpayer) के कारण है कि सरकार कॉर्पस के प्रत्येक पैसे को निर्देशित करने में सक्षम है। पहले आवंटित धन का केवल एक अंश ही इच्छित लाभार्थियों तक पहुंच रहा था, जिसे देखते हुए मोदी सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि जारी किया गया सारा पैसा प्राप्तकर्ता तक सीधे उनके बैंक खातों में पहुंचे।

यूपीआई को लेकर था काफी संदेह
यूपीआई को अपने वादों को पूरा करने के सरकार के संकल्प की एक मिसाल बताते हुए उन्होंने कहा कि जब यूपीआई लॉन्च किया गया था तो इसकी प्रभावशीलता के बारे में बहुत सारे संदेह थे। आज यूपीआई ने समाज के सभी वर्गों और देश के सभी कोनों में प्रवेश कर लिया है। उन्होंने कहा, “आज दुनिया में सभी डिजिटल भुगतान का 46 प्रतिशत भारत में किया जाता है और दुनिया हमारी तकनीकी क्षमता के लिए हमारी ओर देख रही है।”

सरकार की उपलब्धियों के बारे में दी जानकारीऑ
गरीबों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में सरकार की प्रमुख उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि 40 मिलियन घर, 100 मिलियन शौचालय, 100 मिलियन से अधिक एलपीजी सिलेंडर प्रदान किए गए हैं, जबकि 130 मिलियन से अधिक नल जल कनेक्शन स्थापित किए गए हैं। 600 मिलियन से अधिक आयुष्मान भारत लाभार्थी हैं और 800 मिलियन से अधिक लोगों को मुफ्त भोजन मिल रहा है।

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राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण
अनुराग ठाकुर ने पिछले एक दशक में देश में बुनियादी ढांचे के विकास पर सरकार के फोकस को भी रेखांकित किया और कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण 90 हजार किलोमीटर से बढ़कर 150 हजार किलोमीटर हो गया है। हवाई अड्डों की संख्या 74 से दोगुनी होकर 150 हो गई है। एम्स की संख्या बढ़ कर 7 से 23 और आईआईटी 12 से बढ़कर 19 और ग्रामीण सड़कों की लंबाई दोगुनी हो गई है। इन अन्य उपायों के साथ-साथ भारत आज दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में आ गया है।

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