जानिये, यूक्रेन से कितने भारतीय नागरिक और छात्र लौटे स्वदेश!

यूक्रेन में युद्ध जारी है। इस बीच भारत अपने नागरिकों को जल्द से जल्द स्वदेश लाने की कोशिश कर रहा है। हर दिन उनका एयरलिफ्ट कराया जा रहा है।

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यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच 3 मार्च तक ऑपरेशन गंगा के तहत 30 उड़ानों से 6,400 भारतीय नागरिक और छात्र विशेष विमानों से स्वदेश लाये जा चुके हैं। भारत की पहली एडवाइजरी जारी होने के बाद से कुल 18 हजार भारतीय नागरिक यूक्रेन छोड़ चुके हैं। अगले 24 घंटे में 18 उड़ानें निर्धारित की गई हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि ऑपरेशन गंगा के तहत वायुसेना के सी-17 की तीन उड़ानें निर्धारित हैं। इनके साथ ही एयर इंडिया, इंडिको, स्पाइस जेट, गो एयर और गो फर्स्ट के भी विमान यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को बाहर निकालने में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि उड़ानों की संख्या भारतीयों की उस बड़ी तादाद को दर्शाती है, जो यूक्रेन सीमा पार कर पड़ोसी देशों में चले गए हैं। हम इन सभी भारतीय नागरिकों को जल्द से जल्द भारत वापस लाने का प्रयास कर रहे हैं।

आगे की यह है रणनीति
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आगे कहा कि भारत सरकार और उड़ानें शेड्यूल कर रही है और अगले दो तीन दिनों में बड़ी संख्या में भारतीय वापस लाए जाएंगे। उन्होंने भारतीय नागरिकों की मेजबानी करने और उन्हें निकालने में सहायता प्रदान करने के लिए यूक्रेन की सरकार और पड़ोसी देशों की सराहना की। उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा एक एडवाइजरी जारी किए जाने के बाद बड़ी संख्या में छात्र खार्किव छोड़ चुके हैं। यूक्रेन की पश्चिमी सीमाओं को पार करने की प्रतीक्षा कर रहे भारतीयों की कुल संख्या कम हो गई है।

20 हजार नागरिकों ने कराया था पंजीकरण
उन्होंने बताया कि शुरुआत में 20 हजार भारतीय नागरिकों का पंजीकरण किया गया था लेकिन कई ऐसे भी थे, जिन्होंने पंजीकरण नहीं कराया था। हमारा अनुमान है कि कुछ सौ नागरिक अभी भी खार्किव में रह रहे हैं। हमारी प्राथमिकता छात्रों को परिवहन के किसी भी संभव तरीके से सुरक्षित बाहर ले जाना है। अरिंदम बागची ने बताया कि हम सभी देशों विशेषकर यूक्रेन और रूस के साथ विभिन्न स्तरों पर संपर्क में हैं।

कीव में भारतीय दूतावास कार्यरत
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से बात की है और हमारा एकमात्र इरादा भारतीय नागरिकों को जल्द से जल्द बाहर निकालना है। हम यूक्रेन के पूर्वी हिस्से से छात्रों को बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं। सोमवार को कीव में भारतीय दूतावास के महत्वपूर्ण हिस्से को लविवि ले जाना पड़ा। दूतावास बंद नहीं था, यह पूरी तरह कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में दो भारतीयों के मारे जाने की परिस्थितियां पूरी तरह से अलग हैं। हमने यूक्रेन के दूतावास से संपर्क किया है और नवीन शेखरप्पा के शव को भारत वापस लाने के लिए प्रयासरत हैं।

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