77वें स्वतंत्रता दिवस पर मुंबई के दादर स्थित स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का उद्घाटन 15 अगस्त को सुबह 8 बजे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्याध्यक्ष रणजीत सावरकर ने किया। इसके बाद दिन भर में इस शिविर में 653 यूनिट रक्त एकत्र किया गया। इस वर्ष के रक्तदान शिविर में चार अस्पतालों टाटा अस्पताल, वाडिया अस्पताल, हिंदुजा अस्पताल और रेलवे जगजीवन राम अस्पताल ने भाग लिया।
पिछले तीन वर्षों से टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल, मुंबई अल्ट्रा और स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के सहयोग से 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर भव्य रक्तदान शिविर (ब्लड डोनेशन) का आयोजन किया जाता रहा है। उसी के अनुरूप इस वर्ष भी यह रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल में देशभर से कैंसर मरीज इलाज के लिए आते हैं। इसके लिए बड़ी संख्या में सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी की जाती है। इसलिए इस वर्ष देश के स्वतंत्रता दिवस पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया है क्योंकि वहां रक्त की हमेशा आवश्यकता होती है।
लोगों का मिला अच्छा प्रतिसाद
मुंबई अल्ट्रा के नवीन हेगड़े ने ‘हिंदुस्थान पोस्ट’ से बात करते हुए कहा कि इस साल भी रक्तदाताओं का बड़ा रिस्पॉन्स मिला है। उन्होंने कहा, वर्ष 2020 में हमने स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्याध्यक्ष रणजीत सावरकर के समक्ष रक्तदान शिविर आयोजित करने का विचार प्रस्तुत किया। एक क्षण की भी देरी किये बिना उन्होंने इसके लिए स्वीकृति दे दी। तभी से यह रक्तदान महायज्ञ चला आ रहा है। पहले वर्ष में 400 से अधिक बैग रक्त एकत्र किया गया। दूसरे वर्ष में 500 और तीसरे वर्ष में 650 बैग से अधिक रक्त एकत्रित किया गया।
रेजेक्ट किए गए 25 प्रतिशत लोग
वहीं ‘मुंबई अल्ट्रा’ के आनंद केन ने कहा, लगातार इतनी छुट्टियों के बावजूद लोग संतोषजनक संख्या में रक्तदान करने आए और 653 बैग रक्त एकत्रित किया गया। पिछले तीन वर्षों की तुलना में इस वर्ष अधिक बैग रक्त एकत्र किया गया। इस वर्ष 700 लोगों ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया, जिनमें से 500 उपस्थित हुए, जबकि 350 बिना पूर्व पंजीकरण के सीधे उपस्थित हुए। इस तरह करीब 1 हजार लोग आए लेकिन उनमें से 25 फीसदी रिजेक्ट हो गए। ‘मुंबई अल्ट्रा’ के आनंद केन ने ‘हिंदुस्थान पोस्ट’ को बताया कि कई लोग ऐसे थे, जो एंटीबायोटिक्स ले रहे थे, जिससे रक्तदाताओं की संख्या कम हो गई।