नालासोपारा का ‘विनायक’ भी न बचा सका और 7 बेजान हो गए!

राज्य में कोरोना संक्रमण ने स्वास्थ्य सुविधाओं पर प्रचंड तनाव बढ़ा दिया है। प्रतिदिन राज्य में पचास हजार से अधिक संक्रमिक सामने आ रहे हैं। इस गति का सामना करने के लिए स्वास्थ्य संसाधन उन्नत नहीं है जिसके कारण अब लोगों की जान जाने लगी हैं। वहीं दूसरी ओर प्रशासन की लाख अपील के बाद भी आम जनमानस अपनी लापरवाहियों पर बना हुई है।

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कोविड 19 संक्रमितों की बढ़ती संख्या के कारण रुग्ण अस्पतालों में बेड नहीं पा रहे हैं। इसको लेकर पालघर जिले के नालासोपारा के वे रुग्ण खुशनसीब थे कि उन्हें रोग से मुक्ति के लिए ‘विनायक’ अस्पताल में जगह मिल गई थी। लेकिन उनकी सांसों में ऑक्सीजन पहुंचानेवाली मशीन धोखेबाज निकली और सात मरीज बेजान हो गए।

मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन में अब संक्रमण के बढ़ने से अस्पताल पूरी क्षमता में पीड़ितों से भरे हुए हैं। इस समय तकनीकि संसाधनों का धोखा देना जानलेवा साबित हो रहा है। भांडुप में आग की घटना के बाद अब ये दूसरी बड़ी घटना है। जिसको लेकर नालासोपारा में द्रवित करनेवाली घटना हुई है। इस मामले में अस्पताल का कहना है कि सातों संक्रमित बहुत गंभीर स्थिति में थे, जिसके कारण उनकी मौत हो गई।

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एक घंटे ते भीतर हुई इन सात मृत्यु के कारण परिजनों में रोष है। उनका आरोप है कि ऑक्सीजन खत्म होने से यह घटना घटित हुई है। इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद किरिट सोमैया ने राज्य सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के त्यागपत्र की मांग की है।

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अस्पतालों में आफत की ये भी है घटनाएं

वाल ट्रीट में एसी का वेल चीट
9 अप्रैल को 2021 को नागपुर के वेल ट्रीट अस्पताल में आग लग गई थी। जिसमें चार गंभीर मरीजों की मृत्यु हो गई थी। जब ये दुर्घटना हुई उस समय अस्पताल में 27 कोविड 19 संक्रमित उपचार करा रहे थे।

जंबो कोविड सेंटर में आग
4 अप्रैल को आग लगने से दहिसर के जंबो कोविड सेंटर में आग लग गई थी। जिसके बाद भगदड़ मच गई। इस सेंटर में बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती थे। लेकिन दमकल विभाग के कर्मचारियों ने बहुत ही दक्षता के साथ आग पर नियंत्रण पा लिया और एक बड़ी दुर्घटना होने से बच गई।

भांडुप के ड्रीम्ज मॉल के अस्पताल में आग
25 मार्च की रात 11 बजकर 59 मिनट पर अचानक भांडुप, ड्रीम्ज मॉल के तीसरे मजले पर स्थित सनराइज अस्पताल में आग लग गई। इसके बाद अस्पताल में धुंआ पसर गया। इस अस्पताल में कोविड-19 के 73 संक्रमित और 3 तीन सामान्य मरीज भर्ती थे।
इस दुर्घटना में दस मरीजों की मौत हो गई थी।

भंडारा में भी हो चुका है अग्निकांड
9 जनवरी, 2021 महाराष्ट्र के ही भंडारा सरकारी अस्पताल में आग लग गई थी। यह आग नवजातों के विशेष कक्ष मे लगी थी। इस दुर्घटना में 10 नवजात शिशुओं की दर्दनाक मौत हो गई थी। जबकि बगल के कक्ष में भर्ती सात नवजातों को बचा लिया गया था। इस दुर्घटना की जांच के लिए विशेष जांच कमेटी बनाई गई थी। जिसकी रिपोर्ट के अनुसार अस्पताल की दो कर्मियों पर लापरवाही का मामला पाया गया था।

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