उप्रः 5021 रोजगार मेलों के माध्यम से मिले ‘इतने’ युवाओं को रोजगार

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उत्तर प्रदेश बीते छह साल के अंदर पांच हजार से भी ज्यादा रोजगार मेलों के जरिए लाखों युवाओं को विभिन्न सेक्टर्स में रोजगारों से जोड़ा जा चुका है। वहीं एमएसएमई और ओडीओपी सेक्टर भी प्रदेश में रोजगार के बड़े स्रोत बनकर उभरे हैं। योगी सरकार का दावा है कि छह वर्ष में इन दोनों सेक्टर्स में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 03 करोड़ से भी ज्यादा लोगों को रोजगार उपलब्ध करा के बड़ा कीर्तिमान रचा गया है।

रोजगार मेलों में 7.29 लाख से अधिक युवाओं को मिला जॉब
प्रदेश सरकार के आंकड़ों के अनुसार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के क्षेत्र में कार्य कर रही 96 लाख इकाइयों में केवल बीते वित्तीय वर्ष में ही 6,94,751 लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है। वहीं एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) के क्षेत्र में 1,35,250 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हुआ है। दोनों सेक्टर्स में कुल कामगारों की बात करें तो ये संख्या लगभग तीन करोड़ तक पहुंचती है।

इसके अलावा प्रदेश में 5021 रोजगार मेलों का आयोजन किया गया, जिसमें 7,29,064 युवाओं को रोजगार दिलाने का कार्य योगी सरकार की ओर से किया गया है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता का कहना है कि प्रदेश सरकार अब यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आए 36 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों को जल्द से जल्द धरातल पर उतारने में जुटी हुई है। इसके बाद प्रदेश में 95 लाख रोजगार सृजन का रास्ता साफ हो जाएगा। इनमें से भी ज्यादातर रोजगार एमएसएमई और ओडीओपी सेक्टर में ही होने की संभावना है, जो बड़ी औद्योगिक इकाइयों को रा मैटेरियल, सेवाएं और मानव संसाधन उपलब्ध कराएंगी।

1.73 लाख कामगारों के स्किल को निखाकर प्रदान किया गया उचित मंच
प्रवक्ता ने बताया कि बीते 06 साल में तकरीबन 06 लाख युवाओं को निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से सरकारी नौकरी प्रदान करने वाली योगी सरकार का सबसे अधिक जोर इस बात पर भी है कि युवाओं को स्किल्ड बनाकर उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जाए। फिर चाहे 150 आईटीआई को टाटा ग्रुप के साथ मिलकर अपग्रेड करने की पहल हो या विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के साथ गांव के पारंपरिक शिल्प के क्षेत्र में कार्य रहे 1,73,386 कामगारों के स्किल को निखारकर उन्हें उचित मंच प्रदान करना। इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब प्रदेश के सभी गांवों में माल की तर्ज पर विश्वकर्मा संकुल के निर्माण के निर्देश दिये हैं, जिससे गांव में ही श्रमिकों और कामगारों को रोजगार प्राप्त करने के लिए उचित स्थान मिल सके।

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इंडस्ट्री 4.0 के अनुरूप तैयार किये जा रहे प्रदेश के युवा
उन्होंने बताया कि प्रदेश में 50 इन्क्यूबेटर तथा 7500 स्टार्टअप्स भी संचालित हैं। इन्होंने पीजीआई लखनऊ, आईआईटी कानपुर और नोएडा में एआई के क्षेत्र में कार्य करना शुरू किया है। मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत 51 हजार से अधिक युवाओं का उद्योगों एवं अधिष्ठानों में पजीकरण और प्रशिक्षण कार्यक्रम भी बड़े पैमाने पर रोजगार के द्वार खोल रहा है। इसी प्रकार प्रदेश के विभिन्न आईटीआई से अब तक 25 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। इनमें से 10.20 लाख युवाओं को रोजगार उपलब्ध हो चुका है।

प्रवक्ता ने बतायाकि योगी सरकार इंडस्ट्री 4.0 के अनुसार नये उभरते हुए क्षेत्रों में भी प्रदेश के युवाओं को ट्रेंड कर रही है। इसके तहत आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस, एडवांस्ड कम्प्यूटिंग, रोबॉटिक्स जैसे क्षेत्रों में यूपी के युवाओं को स्किल्ड बनाया जा रहा है, जिससे उनके सामने बदलती दुनिया के नये जॉब सेक्टर्स के द्वार खुल सकें।

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