Digitization of Land Records: 2016 के बाद से ग्रामीण भारत(Rural India) में लगभग 95 प्रतिशत भूमि अभिलेखों का डिजिटलीकरण(95 percent of land records digitized) किया गया है। अब स्वामित्व की जानकारी आसानी से ऑनलाइन उपलब्ध(Ownership information easily available online) हाे सकेगी। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय(Union Ministry of Rural Development) ने 25 अक्टूबर को जारी एक बयान में यह जानकारी दी।
लगभग 95 प्रतिशत भूमि अभिलेख कम्प्यूटरीकृत
25 अक्टूबर काे मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, लगभग 95 प्रतिशत भूमि अभिलेखों को कम्प्यूटरीकृत किया गया है, जिसमें 6.26 लाख से ज्यादा गांव शामिल हैं। राष्ट्रीय स्तर पर भूकर मानचित्रों का डिजिटलीकरण 68.02 प्रतिशक तक हो चुका है। इसके अतिरिक्त, 87 प्रतिशत उप-पंजीयक कार्यालयों (एसआरओ) को भूमि रिकॉर्ड के साथ एकीकृत किया गया है। सरकार ने भूमि अभिलेखों के साथ आधार-आधारित एकीकरण और राजस्व अदालतों के कम्प्यूटरीकरण जैसी नई सुविधाओं को जोड़ते हुए डीआईएलआरएमपी को 2025-26 तक बढ़ा दिया है।
यह है उद्देश्य
डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी), जिसे पहले राष्ट्रीय भूमि रिकॉर्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम के नाम से जाना जाता था, केंद्र सरकार से पूर्ण वित्त पोषित होता है और अप्रैल 2016 में केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में इसका पुनर्गठन किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य एक एकीकृत भूमि सूचना प्रबंधन प्रणाली विकसित करके एक आधुनिक एवं पारदर्शी भूमि अभिलेख प्रबंधन प्रणाली स्थापित करना है। इस प्रणाली का उद्देश्य वास्तविक समय पर भूमि की जानकारी प्रदान करना, भूमि उपयोग को अनुकूलित करना, भूस्वामियों एवं संभावित खरीदारों को लाभ पहुंचाना, नीति-निर्माण का समर्थन करना, भूमि विवादों में कमी लाना, धोखाधड़ी वाले लेनदेन को रोकना, कार्यालयों में व्यक्तिगत भ्रमण को समाप्त करना और विभिन्न संगठनों के साथ डेटा साझा को सक्षम बनाना है।