Prayagraj: महाकुम्भ में उदय हुआ महारिकॉर्ड, जानिये कितने करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

टिमटिमाते तारों के नीचे महाकुम्भ नगरी प्रयागराज में संगम किनारे आसमान से देखिए तो तारों का शहर बहुत खूबसूरत लगता है। लगता है जैसे किसी ने सारे तारे लाकर त्रिवेणी के किनारे टांक दिए हों।

80

Prayagraj: टिमटिमाते तारों के नीचे महाकुम्भ नगरी प्रयागराज(Mahakumbh city Prayagraj) में संगम किनारे आसमान से देखिए तो तारों का शहर(City of stars) बहुत खूबसूरत लगता है। लगता है जैसे किसी ने सारे तारे लाकर त्रिवेणी के किनारे टांक दिए हों। आज यानी 26 फरवरी को ब्रह्म मुहूर्त(Brahma Muhurta) के साथ शिवरात्रि का स्नान(Shivratri bathing starts) शुरू हो चुका है। संगम की धरती पर भले ही दिन पूरी तरह न चढ़ा हो, लेकिन एक नये कीर्तिमान का उदय(Rise of new record) हो चुका है। महाकुम्भ का यह अंतिम स्नान (The last bath of Mahakumbh) है।

स्नान की शुरूआत के साथ ही महाकुम्भ में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 65 करोड़ के विशाल आंकड़े को पार कर गयी है। जो अपने आप में नया और ऐतिहासिक कीर्तिमान है। संगम में डुबकी लगाने वालों की यह संख्या दुनिया के 200 से अधिक देशों की जनसंख्या से ज्यादा है। सिर्फ भारत और चीन की आबादी महाकुम्भ आए श्रद्धालुओं से ज्यादा है। बता दें, उत्तर प्रदेश सरकार को महाकुम्भ में 45 करोड़ श्रद्धालु आने का अनुमान था।

अब तक 65 करोड़ से ज्यादा कर चुके स्नान 
आज मेले का अंतिम और 45वां दिन है। मंगलवार को 1.33 करोड़ ने आस्था की डुबकी लगायी थी। आज प्रात: 4 बजे तक 25.64 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके है। मेला प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 13 जनवरी से अब तक 65.41 करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं। आज मेले का अंतिम दिन है। आज शिवरात्रि पर 3 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। यानी, कुल आंकड़ा 68 से 69 करोड़ तक पहुंच जाएगा।

दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश महाकुम्भ नगर
चीन व भारत को छोड़ उतने लोग आए, जितनी दुनिया के बड़े देशों की जनसंख्या नहीं है। अमेरिका, रूस, इंडोनेशिया, ब्राजील, पाकिस्तान की आबादी से ज्यादा लोग महाकुम्भ नगर में आ चुके हैं। यूएस सेंसस ब्यूरो की एक रिपोर्ट के अनुसार, पूरी दुनिया के 200 से अधिक राष्ट्रों में जनसंख्या के दृष्टिकोण से टॉप 10 देशों में क्रमश: भारत (1,41,93,16,933), चीन (1,40,71,81,209), अमेरिका (34,20,34,432), इंडोनेशिया (28,35,87,097), पाकिस्तान (25,70,47,044), नाइजीरिया (24,27,94,751), ब्राजील (22,13,59,387), बांग्लादेश (17,01,83,916), रूस (14,01,34,279) और मैक्सिको (13,17,41,347) शामिल हैं।

मुख्य स्नान पर्वों बढ़ी भीड़
महाकुम्भ की शुरूआत 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के ​स्नान के साथ हुई। इस दिन 1.70 करोड़ ने संगम में पुण्य की डुबकी लगायी थी। इस स्नान के अगले ही दिन 14 जनवरी को मकर संक्रांति को प्रथम अमृत स्नान था। इस दिन 3.50 करोड़ श्रद्धालु डुबकी लगाकर पुण्य की भागी बनें। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन दूसरा अमृत और महाकुम्भ का तीसरा स्नान था। इस दिन दुखद हादसा भी पेश आया था, जिसमें 30 श्रद्धालु जान गंवा बैठे थे। दूसरे अमृत स्नान के दिन 7.64 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया। 03 फरवरी बसंत पंचमी को तीसरा और अंतिम अमृत स्नान था। इस दिन 2.57 करोड़ श्रद्धालु डुबकी लगाने प्रयागराज पहुंचे। 12 फरवरी माघ पूर्णिमा के दिन महाकुम्भ का पांचवां स्नान सम्पन्न हुआ। इस दिन 2.04 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगायी। इसी दिन स्नान दान के साथ एक महीने से चले आ रहे कल्पवास का भी समापन हुआ।

वसंत पंचमी के बाद भीड़ कम नहीं हुई
प्राय: यह माना जाता कि वसंत पंचमी के स्नान के बाद मेले में भीड़ कम हो जाती है। क्योंकि वसंत पंचमी को अमृत स्नान के बाद अखाड़े अपने अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान कर जाते हैं। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। 3 फरवरी को वसंत पंचमी के स्नान के दो दिन बाद तक भीड़ थोड़ी कम रही। लेकिन 6 फरवरी से श्रद्धालुओं का जो रेला प्रयागराज पहुंचना शुरू हुआ, वो अब तक लगातार जारी है। 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा के स्नान में 2.04 करोड़ शामिल हुए थे। 13 फरवरी को 85.46 लाख, 14 फरवरी को 96.98 लाख, 15 फरवरी को 1.36 करोड़, 16 फरवरी को 1.49 करोड़, 17 फरवरी को 1.35 करोड़, 18 फरवरी को 1.26 करोड़, 19 फरवरी को 1.08 करोड़, 20 फरवरी को 1.28 करोड़, 21 फरवरी को 1.28 करोड़, 22 फरवरी को 1.43 करोड़, 23 फरवरी को 1.32 करोड़, 24 फरवरी को 1.30 करोड़ और 25 फरवरी को 1.33 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में डुबकी लगायी।

हर दिन डेढ करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
: इस बीच, महाकुम्भ में श्रद्धालुओं की भीड़ ने एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। पिछले सात दिनों में महाकुम्भ में रोजाना एक करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु त्रिवेणी की धारा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में 65 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु शामिल हो चुके हैं। अगर औसत की बात की जाए तो अब तक हर रोज डेढ करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। श्रद्धालुओं की यह संख्या अपने आप में ​एक महारिकॉर्ड है।

Delhi Politics: स्वाति मालीवाल ने केजरीवाल पर फिर बोला हमला, जानें क्या कहा

विशेष स्नान पर्वों पर श्रद्धालुओं की संख्या 
13 जनवरी (पौष पूर्णिमा, महाकुम्भ की शुरूआत) को 1.70 करोड़

14 जनवरी (मकर संक्रांति, प्रथम अमृत स्नान) को 3.50 करोड़

29 जनवरी (मौनी अमावस्या, दूसरा अमृत स्नान) को 7.64 करोड़

03 फरवरी (वसंत पंचमी, तीसरा और अंतिम अमृत स्नान) को 2.57 करोड़

12 फरवरी (माघी पूर्णिमा स्नान) को 2.04 करोड़

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.