हरियाणा के कुरूक्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण के 40 फुट लंबे और 35 टन वजनी विराट स्वरूप स्थापित करने में लगभग 13 करोड़ से अधिक खर्च हुए हैं। इस भव्य और विशाल मूर्ति को विख्यात मूर्तिकार डॉ. राम सुतार और उनके पुत्र अनिल सुतार ने 80 कारीगरों की मदद से करीब 3 साल की मेहनत से तैयार किया है।
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विराट स्वरूप में मूर्ति के हैं नौ चेहरे
भगवान श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप को उत्तर प्रदेश के नोएडा में तैयार किया गया है। इसके बाद इसे ट्रक ट्राॅलों की मदद से कुरुक्षेत्र में लाया गया। विराट स्वरूप के चेहरे का ही वजन 6 टन से ज्यादा है। विराट स्वरूप में मूर्ति के नौ चेहरे हैं। श्री कृष्ण के साथ इसमें श्री गणेश, ब्रह्माजी, शिव, भगवान विष्णु का नरसिंह रूप, हनुमान जी, भगवान परशुराम, एग्रीव, अग्नि देव और पांव से लेकर मूर्ति से लिपट कर सिर के ऊपर छांव करते शेषनाग के दर्शन होंगे।
इन धातुओं का हुआ उपयोग
विराट स्वरूप की ऊंचाई 40 फीट से ज्यादा है। इसको 10 फुट ऊंचे प्लेटफार्म पर स्थापित किया गया है। इसके निर्माण पर करीब 13 करोड़ 63 लाख रुपये खर्च हुए हैं। विराट स्वरूप चार धातुओं से मिलकर बना है। इसमें 85 प्रतिशत तांबा और 15 प्रतिशत में अन्य तीन धातुओं का इस्तेमाल हुआ है। प्रतिमा की पवित्र ज्योतिसर स्थली पर लाइट एंड साउंड शो के ठीक सामने पूर्व-दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके स्थापित किया गया है।