31 दिसंबर और एक जनवरी के जश्न के लिए गंगा घाटों और नदी के उस पार रेती में उमड़ने वाली भारी भीड़ की संभावना को देख जिला प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन के लिए तैयारी शुरू कर दी है। 29 दिसंबर को भेलूपुर स्थित एक होटल में डीसीपी काशी रामसेवक गौतम ने नाविकों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया।
डीसीपी ने नाविकों को बिना लाइफ जैकेट और सुरक्षा उपकरणों के नाव संचालन न करने,नाव पर ओवरलोडिंग नहीं करने,देशी विदेशी पर्यटकों से अच्छे से व्यवहार करने का निर्देश दिया, जिससे पर्यटकों में काशी की अच्छी छवि बनी रहे। बैठक में एडीसीपी काशी जोन राजेश पांडेय, एसीपी दशाश्वमेध अवधेश पांडेय, एसीपी कोतवाली प्रतीक कुमार और जल पुलिस प्रभारी मिथिलेश यादव सहित अन्य अफसर भी शामिल रहे।
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एक जनवरी के जश्न की शुरुआत काशी में दर्शन पूजन के साथ करते हैं युवा
वर्ष के अन्तिम दिन 31 दिसंबर और एक जनवरी के जश्न की शुरुआत काशी में दर्शन पूजन के साथ युवा करते हैं। मंदिरों में बड़ी संख्या में बाहर से भी श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। ऐसे में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर और संकट मोचन मंदिर में सुरक्षा सम्बंधी तैयारियां भी हो रही है। दोनों मंदिरों में बाहर बैरिकेडिंग कराई जा रही है। अंदर भी बैरिकेडिंग के जरिये भीड़ को नियंत्रित करने के इंतजाम किए जा रहे हैं।
सुरक्षा प्रबंध को लेकर अफसर सतर्क
श्री काशी विश्वनाथ धाम में पांच लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसीलिए मंदिर प्रबंधन ने स्पर्श दर्शन और सुगम दर्शन पर रोक लगाई है। मंदिर परिसर में प्रवेश के लिए मंदिर चौक पर स्टील की बैरिकेडिंग कराई जा रही है। जिगजैग बैरिकेडिंग के जरिये श्रद्धालुओं को प्रवेश देने का फैसला हुआ है। कालभैरव, महामृत्यंजय, कैथी मारकंडेय धाम, दुर्गा कुंड, मणिमंदिर, बीएचयू विश्वनाथ मंदिर, जागेश्वर महादेव सहित शहर के सभी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। सभी जगहों पर सुरक्षा प्रबंध को लेकर अफसर सतर्क है।