अफगानिस्तान में नई सरकार सुबह 9/11 को होगी। यह वह दिन जब अमेरिका में अलकायदा के आतंकियों ने अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, पेंटागन समेत चार ठिकानों पर हमला किया था। इसी दिन तालिबानी सरकार अफगानिस्तान में शपथ लेगी। यह एक प्रकार से अमेरिकियों के दुख पर जश्न से कम नहीं है।
अमेरिका में अलकायदा के आतंकी हमलों की इस बार 20वीं वर्षगाठ है। इस आतंकी हमले में 2,977 लोगों की निर्मम मौत हो गई थी। प्रतिवर्ष इस दिन पूरा अमेरिका दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजली देता है। इस बार अफगानिस्तान तालिबानी सरकार की वापसी हुई है। यह सरकार 9/11 को शपथ लेने जा रही है।
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दल है तालिबानी पर दिल है अलकायदा
तालिबान और अलकायदा का संबंध बहुत पुराना है। अलकायदा के प्रमुख ओसोमा बिन लादेन ने 1990 में तालिबान सरगना मुल्लाह उमर को ‘बायाह’ की शपथ से जोड़ा था। इसके बाद शपथ को कई बार दोहराया गया। अरबी भाषा में बायाह का अर्थ होता है इस्लाम के प्रति निष्ठा की शपथ। यही निष्ठा आतंकी समूहों को आपस में जोड़ती हैं।
बायाह दोनों पक्षों के लिए बाध्यकारी है। इसके अंतर्गत ली गई शपथ को तोड़ना इस्लाम में गंभीर अपराध माना जाता है। अल-कायदा ने तालिबानी नेताओं को “वफादारों के कमांडर” की उपाधि दी थी।