Simhastha Kumbh: महाकुंभ के बाद अब सिंहस्थ कुंभ की बारी, ‘नमामि गंगे’, ‘नमामि गोदावरी’

नासिक में 2027 में सिंहस्थ कुंभ का आयोजन होने वाला है। 10 मार्च 2025 को पेश बजट में वित्त मंत्री अजीत पवार ने सिंहस्थ कुंभ की तैयारी को लेकर कई ऐलान किये हैं।

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– नरेश वत्स

महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने नासिक (Nashik) में 2027 में सिंहस्थ कुंभ (Simhastha Kumbh) को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। प्रयागराज के महाकुंभ की सफलता को देखते हुए सिंहस्थ कुंभ के आयोजन को लेकर देवेन्द्र फडणवीस सरकार (Devendra Fadnavis Government) ने मेगा प्लान तैयार किया है। राज्य सरकार का बजट (State Government Budget) पेश करते हुए महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार (Deputy CM Ajit Pawar) ने कहा कि ‘नमामि गोदावरी’ (Namaami Godavari) पहल की योजना तैयार की जा रही है।

नासिक में 2027 में सिंहस्थ कुंभ का आयोजन होने वाला है। 10 मार्च 2025 को पेश बजट में वित्त मंत्री अजीत पवार ने सिंहस्थ कुंभ की तैयारी को लेकर कई ऐलान किये हैं। अजीत पवार ने कहा कि नमामि गोदावरी पहल की योजना तैयार की जा रही है। इस योजना के तहत सिंहस्थ कुंभ की तैयारी के साथ ही गोदावरी नदी की सफाई भी की जाएगी।

गोदावरी को प्रदूषण मुक्त करने का प्रयास
माता गोदावरी दक्षिण की गंगा भी कहा जाता है। नदी को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। ‌इसके  लिए अब तक करोड़ों रुपए खर्च किए जा चुके हैं और आगामी कुंभ मेले में नदी की सफाई के लिए हजारों करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

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नमामि दोदावरी बड़ी चुनौती
गोदावरी नदी बेसिन में जलकुंभी की भरमार है। ‌नदी में सीवेज और नालों का पानी भी बहाया जा रहा है। ‌ पर्यावरणविदों ने चिंता जताई है कि गोदावरी नदी को साफ करने की बहुत आवश्यकता है। नदी की सफाई एक सतत प्रक्रिया है और भारत सरकार नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करके गंगा नदी और यमुना जैसी उसकी सहायक नदियों में प्रदूषण की चुनौतियों का समाधान करने में राज्य सरकार के प्रयासों में सहायता कर रही है ।नदियों के पानी की गुणवत्ता में सुधार के परिणाम दिखने लगे हैं ।

कुल 2741 करोड़ रुपए की रकम मंजूर
राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना एनआरसीपी की केंद्र प्रायोजित योजना के तहत महाराष्ट्र , आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्य में गोदावरी नदी के प्रदूषण को कम करने के लिए कुल 2741 करोड़ रुपए की रकम मंजूर की गई है। अब तक उपभोक्ता राज्यों के साथ अलग-अलग शहरों में 185- 240 एमएलडी मिलियन लीटर प्रतिदिन की कुल क्षमता के 10 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट एसटीपी स्थापित किया जा चुके हैं। इसमें महाराष्ट्र के नांदेड़, नासिक और त्रयंबकेश्वर शहर शामिल है।

कृषि और उद्योग के लिए जीवन रेखा
गोदावरी नदी न केवल कृषि और उद्योग के लिए जीवन रेखा है, बल्कि नासिक और आसपास के क्षेत्र के सांस्कृतिक और पारिस्थितिक ताने-बाने का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है ।

यमुना में शुरू होगी फेरी सर्विस
केंद्र सरकार नदियों की सफाई के साथ नदियों को परिवहन के रूप में नये विकल्प के रूप में संभावनाएं तलाश रही है । इसी कड़ी में दिल्ली सरकार ने यमुना में फेरी सेवा शुरू करने की तैयारी कर ली है। इस सेवा को शुरू करने के लिए दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार के साथ एक समझौता किया है। दिल्ली सरकार का दावा है कि दिल्ली पर्यटन का नया क्षेत्र बनेगा।

दिल्ली सरकार की प्राथमिकता
दिल्ली की भाजपा सरकार ने यमुना की सफाई को अपनी प्राथमिकता में रखा है। ‌भाजपा सरकार ने केंद्र सरकार के साथ मिलकर फेरी सेवा शुरू करने का निर्णय लिया है। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। दिल्ली को परिवहन का एक नया विकल्प भी मिलेगा। डबल इंजन की सरकार के बीच 11 मार्च को यह समझौता सीता पार्क में किया गया। ‌ इस परियोजना से न सिर्फ दिल्ली में इनलैंड वाटर ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा मिलेगा बल्कि पर्यटन और यातायात व्यवस्था में सुधार होगा।

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