River Linking Project: राजस्थान और उत्तर प्रदेश के बाद अब इस प्रदेश के साथ नदी जोड़ो परियोजना पर बनी सहमति

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हम केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री के मार्गदर्शन और उनके परामर्श से इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

67

River Linking Project:राजस्थान और उत्तर प्रदेश के साथ नदी जोड़ो परियोजना पर काम शुरू करने के बाद मध्य प्रदेश की डॉ. मोहन सरकार अब महाराष्ट्र के साथ इस परियोजना पर काम करेगी। इसे लेकर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से चर्चा की और ताप्ती-कन्हान नदी प्रोजेक्ट को पूरा कराने पर सहमति ली है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने इस परियोजना में सहयोग देने की बात कही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 7 फरवरी को मंत्रालय में ताप्ती बेसिन मेगा रीचार्ज एवं कन्हान उप कछार परियोजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में बैठक कर अधिकारियों को निर्देश दिए।

विश्व की सबसे बड़ी ग्राउण्ड रीचार्ज परियोजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि ताप्ती बेसिन मेगा रीचार्ज योजना विश्व की सबसे बड़ी ग्राउण्ड रीचार्ज परियोजना है। इस अंतरराज्यीय संयुक्त परियोजना का अवरोध अब दूर हो गया है। हम शीघ्र ही महाराष्ट्र सरकार के साथ चर्चा कर करार करने की ओर बढ़ रहे हैं। जल्द ही केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को भोपाल आमंत्रित कर करार की कार्यवाही की जाएगी। इन दोनों ही परियोजनाओं के शीघ्र क्रियान्वयन के लिए हम तेजी से प्रयास कर रहे हैं। ताप्ती मेगा रिचार्ज योजना के जरिए हम महाऱाष्ट्र सरकार के साथ मिलकर ताप्ती नदी की तीन धाराएं बनाकर राष्ट्रहित में नदी जल की बूंद-बूंद का उपयोग सुनिश्चित कर कृषि भूमि का कोना-कोना सिंचित करेंगे।

राष्ट्रीय जल परियोजना घोषित कराने का प्रयास
उन्होंने कहा कि ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज योजना को राष्ट्रीय जल परियोजना घोषित कराने के लिए केन्द्र सरकार से चर्चा की जाएगी। ताप्ती बेसिन और कन्हान उप कछार में मप्र द्वारा प्रस्तावित कन्हान (जामघाट) बहुउद्देशीय परियोजना में प्रदेश के जल हितों का विशेष ध्यान रखा जाए। इसके लिए महाराष्ट्र राज्य से सतत संवाद कर दोनों परियोजनाओं के‍ क्रियान्वयन में तेजी लाएं। उन्होंने कहा कि ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज योजना में कुल 31.13 टी.एम.सी. जल का उपयोग होगा। इसमें से 11.76 टी.एम.सी मध्य प्रदेश को और 19.36 टी.एम.सी जल महाराष्ट्र राज्य के हिस्से में आएगा। इस परियोजना में प्रस्तावित बांध एवं नहरों से मध्य प्रदेश कुल तीन हजार 362 हेक्टेयर भूमि उपयोग में लाई जाएगी। परियोजना के अंतर्गत कोई गांव प्रभावित नहीं होगा अत: इसमें पुनर्वास की भी आवश्यकता नहीं होगी।

लंबित जल बंटवारे के मसलों को हल
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में उनकी भावना के अनुसार हम मध्य प्रदेश की नदियों का आसपास के राज्यों से सुखद और दोनों राज्यों के हितों के बंटवारे के क्रम को लगातार बनाए हुए हैं। हमारे राज्य के किसानों के खेतों में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिले, पीने के पानी के साथ-साथ औद्योगीकरण के लिए भी पर्याप्त पानी दिया जा सके और राज्यों के बीच में भी हमारा सुखद और सौहार्द्र बना रहे, इस निमित्त से हम वर्षों से लंबित जल बंटवारे के मसलों को हल करते हुए इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। आज हम महाराष्ट्र के साथ नदी जल बंटवारे के मसले के निराकरण के लिए प्राथमिक चरण की चर्चा के लिए आगे बढ़े हैं। महाराष्ट्र राज्य के मुख्यमंत्री की भी यही भावना है। वे भी चाहते हैं कि मप्र के साथ ताप्ती और कन्हान नदी की जो नदी जल परियोजनाएं वर्षों से लंबित थीं, उनके निराकरण के लिए ठोस प्रयास होने चाहिए।

सिंचाई की स्थाई सुविधा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हम केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री के मार्गदर्शन और उनके परामर्श से इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना के पूरा होने पर मप्र के 1,23,082 हेक्टेयर भू-क्षेत्र और महाराष्ट्र के 2,34,706 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की स्थाई सुविधा उपलब्ध होगी। इस परियोजना से मप्र के बुरहानपुर एवं खण्डवा जिले की बुरहानपुर, नेपानगर, खकनार एवं खालवा की कुल चार तहसीलें लाभान्वित होंगी।

उन्होंने कहा कि इसी प्रकार कन्हान उपकछार में जल उपयोगिता के लिए मप्र द्वारा प्रस्तावित छिंदवाड़ा कॉम्पलेक्स बहुउद्देशीय परियोजना के माध्यम से महाराष्ट्र के नागपुर शहर को भी पानी मिलेगा और हमारे छिंदवाड़ा जिले के कृषि क्षेत्र में भी पर्याप्त जल उपलब्ध होगा। जिस तरह पिछले दिनों हमने पार्वती-काली सिंध-चंबल परियोजना का राजस्थान के साथ कार्य प्रारंभ किया है, उसी प्रकार उत्तर प्रदेश के साथ केन-बेतवा नदी जोड़ो की बड़ी राष्ट्रीय परियोजना पर काम किया जा रहा है। अब हमने इस तीसरी राष्ट्रीय नदी जल परियोजना के जरिए महाराष्ट्र राज्य के साथ आगे बढ़ने का निर्णय लिया है। इस परियोजना से महाराष्ट्र के उत्तर क्षेत्र एवं मप्र के दक्षिण क्षेत्र के हिस्से को पर्याप्त जल उपलब्ध कराएंगे। दोनों राज्यों के अधिकारी आपस में संवाद करेंगे और इन परियोजनाओं के समयबद्ध क्रियान्वयन की दिशा में आगे बढ़ेंगे।

ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज योजना के अंतर्गत मुख्य रूप से चार जल संरचनाएं प्रस्तावित-

खरिया गुटीघाट बांध स्थल पर लो डायवर्सन वियर : यह वियर दोनों राज्यों की सीमा पर मप्र के खंडवा जिले की खालवा तहसील और महाराष्ट्र की अमरावती तहसील में प्रस्तावित है। इसकी जल भराव क्षमता 8.31 टीएमसी होगी।

दाई तट नहर प्रथम चरण : प्रस्तावित खरिया गुटीघाट वियर के दाएं तट से 221 किलोमीटर लंबी नहर प्रस्तावित है, जो मप्र में 110 किलोमीटर बनेगी. इस नहर से मप्र के 55 हज़ार 89 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी।

बाई तट नहर प्रथम चरण : प्रस्तावित खरिया गुटीघाट वियर के बाएं तट से 135.64 किलोमीटर लंबी नहर प्रस्तावित है जो मध्यप्रदेश में 100.42 किलोमीटर बनेगी। इस नहर से मप्र के 44 हज़ार 993 हेक्टर क्षेत्र में सिंचाई प्रस्तावित है।

बाईं तट नहर द्वितीय चरण : यह नहर बाईं तट नहर प्रथम चरण के आर डी 90.89 कि मी से 14 किलोमीटर लम्बी टनल के माध्यम से प्रवाहित होगी। इसकी लंबाई 123.97 किलोमीटर होगी, जिससे केवल महाराष्ट्र के 80 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई प्रस्तावित है।

CAA: “विश्व भर के हिंदुओं को भारत में मिले शरण!” प्रयागराज के महाकुंभ मेला क्षेत्र से हिंदू संगठनों की केंद्र सरकार से मांग

कन्हान उप कछार में प्रस्तावित छिंदवाड़ा कॉम्प्लेक्स बहुउद्देशीय परियोजना : योजना की प्रशासकीय स्वीकृति राशि 5470.95 करोड़ रुपये वर्ष 2019 में जारी की गई। इसके अंतर्गत संगम एक, संगम दो, रामघाट एवं पांढुर्णा बांध का निर्माण कार्य होगा। इसका सिंचाई क्षेत्र एक लाख 90 हजार 500 हेक्टेयर होगा। लाभान्वित विकासखंड में जुन्नारदेव, उमरेठ, छिंदवाड़ा, मोहखेड, पांढुर्णा, सोंसर एवं बिछुआ शामिल है। औद्योगिक क्षेत्र के लिए 20 मिलियन घन मीटर जल आरक्षित होगा। जल विद्युत उत्पादन 30 मेगावाट होगा।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.