Nepal-India के बीच तीन नए अन्तरदेशीय ट्रांसमिशन लाइन बनाने पर सहमति, इतने केवी की होगी क्षमता

वर्तमान में नेपाल और भारत के बीच 132 केवी क्षमता की पांच ट्रांसमिशन लाइनें और 400 केवी क्षमता की एक (ढल्केवर-मुजफ्फरपुर) है। ढल्केवर-मुजफ्फरपुर ट्रांसमिशन लाइन के तहत 2000 मेगावाट की पांच लाइनों से 720 मेगावाट बिजली प्रसारित की जा सकती है।

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Nepal-India:भारत में 10 वर्षों में 10,000 मेगावाट बिजली निर्यात(10,000 MW power export in 10 years) करने के लिए तीन और अंतरदेशीय ट्रांसमिशन लाइनें बनाने का प्रस्ताव(Proposal to build inland transmission lines) किया गया है। बीते 6 जनवरी को चितवन में संपन्न नेपाल-भारत ऊर्जा सचिव स्तरीय 11वीं बैठक(Nepal-India Energy Secretary level 11th meeting) में इस पर प्रारंभिक सहमति बनी है।

नेपाल में निजगढ़-मोतिहारी, अनारमनी-किसनगंज और लमही-लखनऊ प्वाइंट पर 400 केवी क्षमता का ट्रांसमिशन लाइन बनाने के प्रस्ताव पर सहमति
इस बैठक में भारत की तरफ से नेपाल में निजगढ़-मोतिहारी, अनारमनी-किसनगंज और लमही-लखनऊ प्वाइंट पर 400 केवी क्षमता का ट्रांसमिशन लाइन बनाने के प्रस्ताव पर सहमति बनी है। भारतीय दूतावास(Indian Embassy) के तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि एक संयुक्त तकनीकी दल(joint technical team) को इसका अध्ययन करने के लिए निर्देश दिया गया है। इस तकनीकी दल में भारत के ऊर्जा मंत्रालय के संयुक्त सचिव संदीप कुमार देव को समन्वय की जिम्मेदारी दी गई है, जिसमें नेपाल विद्युत प्राधिकरण और भारत के पावर ग्रिड के प्रतिनिधि को शामिल(Involving representatives of Nepal Electricity Authority and Power Grid of India) किया गया है।

132 केवी क्षमता की पांच ट्रांसमिशन लाइनें
वर्तमान में नेपाल और भारत के बीच 132 केवी क्षमता की पांच ट्रांसमिशन लाइनें और 400 केवी क्षमता की एक (ढल्केवर-मुजफ्फरपुर) है। ढल्केवर-मुजफ्फरपुर ट्रांसमिशन लाइन के तहत 2000 मेगावाट की पांच लाइनों से 720 मेगावाट बिजली प्रसारित की जा सकती है। सतलुज जलविद्युत निगम (एसजेवीएन) ढल्केवर-सीतामढ़ी में 400 केवी क्षमता का ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण कर रहा है।

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दूतावास की तरफ से बयान जारी
400 केवी की नई बुटवल-गोरखपुर ट्रांसमिशन लाइन का भी निर्माण होने जा रहा है। इसी तरह इनरवा-पूर्णिया में निर्माणाधीन ट्रांसमिशन लाइन को 2027/28 में और न्यू लमकी-बरेली के निर्माणाधीन ट्रांसमिशन लाइन को सन् 2028/29 में पूरा करने का लक्ष्य लेकर काम किए जाने की जानकारी दूतावास की तरफ से जारी बयान में है। इसके अलावा कुछ और अधिक अंतरदेशीय ट्रांसमिशन लाइन बनाने को लेकर अध्ययन करने पर भी सहमति बनी है।

 

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