Africa के कैमरून में फंसे झारखंड के प्रवासी मजदूर भारत लौट आए हैं। सभी मजदूर 22 जुलाई को घर पहुंच गए। वतन वापसी पर मजदूरों में उत्साह है। साथ ही परिजनों की चिंता भी दूर हो गई है। कैमरून में झारखंड के 27 प्रवासी मजदूर फंसे हुए थे, जिसमें गिरिडीह जिले के चार समेत बोकारो और हजारीबाग जिले के विभिन्न प्रखंडों के मजदूर शामिल थे।
वीडियो शेयर कर बताई थी फंसे होने की बात
मजदूरों ने एक सप्ताह पहले सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर कैमरून में फंसे होने की बात बताई थी। साथ ही सरकार से मदद की गुहार लगाई थी। मजदूरों ने बताया था कि काम के बदले उन्हें मजदूरी नहीं दी जा रही है। इससे उन्हें खाने-पीने के लाले पड़ रहे हैं। वीडियो सामने आने के बाद विदेश मंत्रालय हरकत में आया। मजदूरों ने बताया कि भारत सरकार के हरकत में आने के बाद कंपनी की ओर से मजदूरों के साथ बैठक की गई और मजदूरों के बीच बकाया मजदूरी का भुगतान किया गया। साथ ही वतन वापसी की गारंटी दी गई। इससे मजदूर अपने वतन लौट आए। वापस लौटे मजदूरों ने वतन वापसी के लिए सरकार के साथ-साथ मीडिया कर्मियों का आभार जताया है। मजदूरों के विदेश में फंसे होने की जानकारी मिलते ही परिजनों की चिंता बढ़ गई थी। वे सरकार से मजदूरों की वापसी की मांग कर रहे थे। अब जब मजदूर वापस आ गए हैं तो परिजनों की चिंता भी दूर हो गई है। वे अपने परिजनों से मिलकर उत्साहित हैं।
सभी सुरक्षित पहुंचे अपने घर
गिरिडीह, हजारीबाग और बोकारो जिले के विभिन्न प्रखंडों के 27 मजदूर अफ्रीकी देश कैमरून में फंसे हुए थे। इन मजदूरों में गिरिडीह जिले के सरिया थाना क्षेत्र के चिचाकी निवासी शुकर महतो, डुमरी थाना क्षेत्र के अतकी निवासी रमेश महतो, विजय कुमार महतो, दुधपनिया के दौलत महतो, विष्णुगढ़ थाना क्षेत्र के अचलजामू के बिशुन प्रसाद, खरना के छत्रधारी महतो, भीखन महतो, जोबार के टेकलाल महतो, चानो के चिंतामन महतो, मोहन महतो, बोकारो जिले के नवाडीह प्रखंड के कडरूखुंटा निवासी जगदीश महतो, गोविंद महतो, डेगलाल महतो, चुरामन महतो और 27 अन्य शामिल हैं।