उत्तर प्रदेश में कोविड 19 संक्रमण के तेजी से प्रसार को देखते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने लॉकडाउन का आदेश जारी किया है। इसमें प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर नगर और गोरखपुर का समावेश है। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अजीत कुमार और न्यायाधीश सिद्धार्थ वर्मा ने अपने अवलोकन में कहा कि कोविड 19 की वर्तमान लहर ने सभी स्वास्थ्य संसाधन को आशक्त कर दिया है। इस लहर से सबसे अधिक प्रभावित पांच शहर हैं। यह लॉकडाउन 26 अप्रैल तक लागू रहेगा।
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ये हैं दिशानिर्देश
- वित्तीय संस्थान, स्वास्थ्य सेवा, औद्योगिक और शोध संस्थान, अत्यावश्यक सेवा जिसमें महानगर पालिका, सरकारी यातायात को छोड़कर सभी सरकारी और निजी संस्थान 26 अप्रैल, 2021 तक बंद रहेंगे
- न्यायपालिका अपने नियमानुसार कार्य करेगी
- सभी शॉपिंग मॉल, कॉम्प्लेक्स 26 अप्रैल, 2021 तक बंद
- सामान्य दुकानें, मेडिकल शॉप जहां तीन से अधिक लोग कार्य करते हैं वह 26 अप्रैल, 2021 तक बंद रहेगा
- सभी हॉटेल, रेस्टॉरेंट, ठेला भी 26 अप्रैल, 2021 तक बंद
- शैक्षणिक संस्थान व अन्य अर्ध सरकारी और सरकारी संस्थान बंद
- विवाह को छोड़कर अन्य सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द
- हॉकर, फल विक्रेता, सब्जी विक्रेता, दूध विक्रेता, ब्रेड विक्रेता सबेरे 11 बजे के बाद सड़क पर नहीं दिखेंगे
- जनता का सड़कों पर निकलना पूर्ण रूप से प्रतिबंधित
लॉकडाउन का निर्णय देते समय कोर्ट ने यह पाया कि जनहित में लॉकडाउन लगाना पूर्ण रूप से सरकार का नीतिगत निर्णय है। लेकिन, उत्तर प्रदेश सरकार ने कोई स्थाई नीति नहीं बनाई है इसलिए न्यायालय को आगे आना पड़ा है।
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सरकार द्वारा कोई कारगर कदम न उठाने पर उच्च न्यायालय ने पाया कि कोविड 19 की चुनौती के लिए संसाधन विकास करने में सरकारी के सामने सीमा होती है इसे समझा जा सकता है और जब तक सभी प्रयत्न पूर्ण होंगे बहुत सारा पानी सिर के ऊपर से बह चुका होगा।
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