अमरनाथ यात्रा के अखिरी पड़ाव में 12 अगस्त की सुबह उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने समापन पूजा की, जो वार्षिक यात्रा के अंत का प्रतीक है। पूजा के दौरान उपराज्यपाल ने लोगों की शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए प्रार्थना की।
इस अवसर पर उपराज्यपाल ने कहा कि मैं तीर्थयात्रियों के लिए इस कठिन यात्रा को परेशानी मुक्त बनाने के लिए सभी हितधारकों और नागरिकों के नि:स्वार्थ योगदान की वास्तव में प्रशंसा और सराहना करता हूं।
पुलिस और सेना के साथ ही इन संस्थाओं की प्रशंसा
उपराज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना, सीएपीएफ, वायु सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, स्वयंसेवकों, डॉक्टरों, स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों, राजनीतिक और धार्मिक नेताओं, संत समाज, श्राइन बोर्ड के अधिकारियों, यूटी प्रशासन, लंगर आयोजकों, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के प्रयासों की सराहना की। इस वर्ष की यात्रा के सफल समापन को सुनिश्चित करने के लिए जीवन के सभी क्षेत्रों से स्वच्छता कार्यकर्ता, पोनीवाला, पिथूवाला, नागरिक समाज समूह और अन्य प्रबुद्ध नागरिकों का विशेष योगदान रहा।
इन हस्तियों ने लिया भाग
-डॉ अरुण कुमार मेहता, मुख्य सचिव, नितीशवर कुमार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड और उपराज्यपाल के प्रधान सचिव; डीसी रैना, सदस्य, श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड और पांडुरंग के पोल, संभागीय आयुक्त कश्मीर ने भी राजभवन में संपन्न पूजा में भाग लिया।
-श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड और यूटी प्रशासन ने पवित्र गुफा में पारंपरिक धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए सभी प्रबंध किए थे।
-इस बीच श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड ने पवित्र गदा (छड़ी मुबारक) को श्री अमरनाथजी की पवित्र गुफा तक ले जाने की सुविधा प्रदान की।
-महंत दीपेंद्र गिरि ने अन्य साधु संतों के साथ 12 अगस्त को प्रात: सूर्योदय के साथ श्रावण पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त में पवित्र गुफा में भगवान शिव के दर्शन कर छड़ी मुबारक की पूजा-अचर्ना की। इस दौरान पवित्र छड़ी मु़बारक को पवित्र गुफा में उस जगह स्थापित किया गया, जहां हिमलिंग स्वरूप में भगवान शिव विराजमान होते हैं। इसके साथ ही पवित्र गुफा आम श्रद्धालुओं के लिए भी बंद हो गई है। इससे पहले महंत दीपेंद्र गिरी छड़ी मुबारक को लेकर अन्य साधु-संतों संग कश्मीर घाटी के विभिन्न ऐतिहासिक मंदिरों में जाकर जम्मू-कश्मीर में सुख समृद्धि और शांति के लिए कामना की।
30 जून को शुरू हुई थी यात्रा
30 जून से शुरू हुई बाबा अमरनाथ यात्रा 12 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन संपन्न हो गई। इस बार हुई अमरनाथ की तीर्थयात्रा में तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा के दर्शन किए। इसी बीच यात्रा के दौरान अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास बादल फटने की घटना में 15 श्रद्धालुओं की मौत भी हुई थी।