चीन के साथ भारत के बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका खुलकर भारत के साथ खड़ा दिख रहा है। भारत और अमेरिका के सैन्य अधिकारियों की बातचीत में अमेरिका ने भारत की तारीफ करते हुए चीन को घेरा। साथ ही दोनों देशों के बीच सैन्य संबंध और गहरे करने की बात कही गयी। अमेरिकी सेना के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टॉफ जनरल मार्क ए माइली और उनके भारतीय समकक्ष जनरल अनिल चौहान के बीच बातचीत में क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा माहौल पर चर्चा हुई। दोनों सैन्य अधिकारियों ने एक-दूसरे के साथ सैन्य स्थितियों के आंकलन साझा किए और भारत व अमेरिका के बीच द्विपक्षीय सैन्य संबंधों को और महबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। अमेरिकी ज्वाइंट स्टाफ के उप प्रवक्ता जोसेफ आर होलस्टेड ने बातचीत की जानकारी देते हुए बताया कि प्रमुख रक्षा साझेदारी के तहत अमेरिका और भारत ने मजबूत सैन्य संबंधों को साझा किया।
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चीन की सैन्य पैंतरेबाजी से अमेरिका चिंतित
भारत को एक प्रमुख क्षेत्रीय शक्ति करार देते हुए अमेरिका की ओर से कहा गया कि भारत एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भागीदार है। अमेरिका, भारत और कई अन्य विश्व शक्तियां संसाधन संपन्न और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य पैंतरेबाजी से चिंतित हैं। चीन की इस मनमानी की पृष्ठभूमि में एक स्वतंत्र, खुले और संपन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने की आवश्यकता भी महसूस की जा रही है।
क्वाड पर भी चीन को आपत्ति
अमेरिका की ओर से यह भी चिंता जाहिर की गयी है कि चीन लगातार विवादित दक्षिण चीन सागर पर दावा कर रहा है। हालांकि ताइवान, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम सभी इसके कुछ हिस्सों पर दावा करते हैं। चीन ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप और सैन्य प्रतिष्ठान बनाए हैं। चीन का पूर्वी चीन सागर में जापान के साथ क्षेत्रीय विवाद भी है। 2017 में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को किसी भी प्रभाव से मुक्त रखने के लिए एक नई रणनीति विकसित करने के लिए क्वाड की स्थापना की थी। इसे लेकर भी चीन को आपत्ति है।