भारत की प्राचीन व ऐतिहासिक महत्व की 105 मूर्तियां अमेरिका वापस करेगा। न्यूयॉर्क के मशहूर मेट्रोपोलिटन म्यूजियम ऑफ आर्ट में आयोजित एक समारोह के दौरान भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी और अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने कहा कि ये कला संग्रह भारत की अमानत है और इसे भारत में ही होना चाहिए।
अमेरिकी राजदूत ने कही ये बात
संधू ने कहा कि अमेरिका भारत की प्राचीन और ऐतिहासिक 105 मूर्तियों को वापस भारत को सौंपने की तैयारी कर रहा है। ये मूर्तियां दूसरी से तीसरी सदी से लेकर 18वीं से 19वीं सदी के बीच की हैं। अमेरिकी राजदूत ने कहा कि हम भारत के कला संग्रह को उसे लौटाने की दिशा में काम कर रहे हैं। भारत से कई बार चोरी होकर या फिर अवैध तरीके से कलाकृतियां अमेरिका या दुनिया के अन्य देश पहुंच जाती हैं।
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प्रधानमंत्री के दौरे के समय हुआ था करार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया अमेरिकी दौरे के दौरान भारत और अमेरिका के बीच कल्चरल प्रॉपर्टी एग्रीमेंट पर बातचीत हुई थी, जिससे ऐतिहासिक कलाकृतियों की अवैध कालाबाजारी पर रोक लग सके। साथ ही दोनों देश ऐसे प्रावधान किए जाने पर बात कर रहे हैं कि भविष्य में भी अवैध रूप से अमेरिका पहुंची भारत की ऐतिहासिक कलाकृतियों को वापस लौटाया जाता रहेगा।
वैदिक काल के हिंदू मंदिरों की हैं कई कलाकृतियां
भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने बताया कि अमेरिका के एरिजोना में भगवान बुद्ध की सुंदर प्रतिमा मौजूद है, जिसे जल्द ही भारत को लौटाया जाएगा। साथ ही वैदिक काल के हिंदू मंदिरों की भी कई कलाकृतियां वापस लौटाई जाएंगी। न्यूयॉर्क के मशहूर मेट्रोपोलिटन म्यूजियम ऑफ आर्ट में आयोजित समारोह के दौरान बौद्ध इतिहास से जुड़ी कलाकृतियां प्रदर्शित की गईं।
भारत के योगदान का माना आभार
एरिक गार्सेटी ने कहा कि लोग भूल जाते हैं कि बुद्ध का जन्म भारत में हुआ और यह पूरी दुनिया को भारत का तोहफा है। भारत से ही बौद्ध धर्म एशिया, दक्षिण एशिया में फैला। लोग इतिहास में भारत के योगदान के बारे में नहीं जानते और हमें भारत के योगदान के प्रति आभारी होना चाहिए।