Amin Sayani: रेडियो प्रस्तोता अमीन सयानी का 91 वर्ष की आयु में हुआ निधन

अमीन सयानी का जन्म 21 दिसंबर 1932 को मुंबई में हुआ था। उनकी पहचान एक रेडियो सेलिब्रिटी की रही। सयानी ने सीलोन रेडियो के अपने प्रतिष्ठित कार्यक्रम ' बिनाका गीतमाला' के जरिए लोकप्रियता हासिल की। वो अपनी मनमोहक आवाज और आकर्षक शैली के लिए जाने जाते थे।

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Amin Sayani: जाने-माने रेडियो प्रस्तोता (radio presenter) अमीन सयानी (Amin Sayani) का 91 वर्ष की आयु में निधन (death) हो गया। उनके पुत्र राजिल सयानी (Rajil Sayani) ने आज (21 फरवरी) को यह जानकारी दी। राजिल ने बताया ”दिल का दौरा (heart attack) पड़ने से अमीन सयानी का मंगलवार (20 फरवरी) शाम करीब सात बजे एचएन रिलायंस अस्पताल में निधन हो गया।” राजिल ने कहा कि ‘अंतिम संस्कार को लेकर जल्द अपडेट दिया जाएगा।

अमीन सयानी का जन्म 21 दिसंबर 1932 को मुंबई में हुआ था। उनकी पहचान एक रेडियो सेलिब्रिटी की रही। सयानी ने सीलोन रेडियो के अपने प्रतिष्ठित कार्यक्रम ‘ बिनाका गीतमाला’ के जरिए लोकप्रियता हासिल की। वो अपनी मनमोहक आवाज और आकर्षक शैली के लिए जाने जाते थे। रेडियो सुनने का शौक रखने वालों के कानों में आज भी सयानी की आवाज में ‘नमस्कार भाइयों और बहनों, मैं आपका दोस्त अमीन सयानी बोल रहा हूं’ गूंजता है। अमीन सयानी ने भारत में रेडियो को लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाई। वे अपनी बुद्धि, ज्ञान और आकर्षक प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देते थे।

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बिनाका गीतमाला
अमीन सयानी एक प्रतिष्ठित भारतीय रेडियो उद्घोषक और प्रस्तुतकर्ता हैं, जो अपने प्रसिद्ध शो “बिनाका गीतमाला” के लिए जाने जाते हैं, जो रेडियो सीलोन और बाद में ऑल इंडिया रेडियो पर प्रसारित हुआ। 21 दिसंबर, 1932 को भारत में जन्मे सयानी की मखमली आवाज़ और करिश्माई प्रस्तुति शैली ने उन्हें रेडियो के स्वर्ण युग के दौरान भारतीय उपमहाद्वीप में एक घरेलू नाम बना दिया। अपने गर्मजोशी भरे व्यवहार और आकर्षक कमेंटरी के माध्यम से श्रोताओं से जुड़ने की उनकी क्षमता ने उन्हें काफी लोकप्रियता दिलाई और भारतीय प्रसारण के क्षेत्र में अग्रणी के रूप में उनकी स्थिति को मजबूत किया। संगीत उद्योग में सयानी का योगदान अद्वितीय है, क्योंकि उन्होंने विशेष रूप से 1950 और 1960 के दशक के दौरान भारतीय संगीत और कलाकारों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

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पद्म श्री से सम्मानित
कई दशकों के अपने शानदार करियर के दौरान, अमीन सयानी भारतीय रेडियो के सार का पर्याय बन गए, और लाखों श्रोताओं के दिलों पर एक अमिट छाप छोड़ी। अपनी कला के प्रति उनका समर्पण और संगीत के प्रति उनका अटूट जुनून पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ता गया, जिससे उन्हें प्रसारण के क्षेत्र में उनके असाधारण योगदान के लिए भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक, पद्म श्री सहित कई प्रशंसाएं और सम्मान मिले। आज भी, सयानी का नाम उन लोगों के बीच पुरानी यादों और श्रद्धा को जगाता है जो एयरवेव्स पर उनकी मनमोहक आवाज़ को सुनकर बड़े हुए हैं, जिससे वह भारतीय मीडिया इतिहास के इतिहास में एक स्थायी आइकन बन गए हैं।

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