स्वातंत्र्यवीर सावरकर (Swatantraveer Savarkar) के पोते रणजीत सावरकर (Ranjit Savarkar) 30 अगस्त को अमरावती (Amravati) पहुंचे। उनके स्वागत के लिए अमरावती शहर को सजाया गया था। सड़क के दोनों ओर उनके स्वागत में पोस्टर बैनर लगाए गए थे। वीर सावरकर (Veer Savarkar) और अमरावती का रिश्ता अटूट है। उन्होंने 1937 और 1939 में अमरावती का दौरा किया था। स्वातंत्र्यवीर सावरकर ने अमरावती में स्वतंत्रता आंदोलन (Freedom Movement) की स्थापना की। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी डॉ. गणेश पिंपरकर को अपने साथ लेकर स्थानीय लोगों को स्वतंत्रता प्राप्त के प्रति जागरूक किया। इसलिए सावरकर की स्मृतियों को यहां के नागरिकों ने आज भी संजोकर रखा है।
गुरुवार (31 अगस्त) को रणजीत सावरकर ने सेठ दादासाहेब खापर्डे के जीवनकाल में निर्मित अमरावती के राजकमल चौक स्थित खापर्डे वाड़ा का दौरा किया। इसी खापर्डे वाड़ा में स्वातंत्र्यवीर सावरकर, लोकमान्य तिलक, गजानन महाराज और नेता जी सुभाष चंद्र बोस रह चुके हैं। साथ ही सभी ने इसी स्थान पर मौजूद ऐतिहासिक कुएं के जल से स्नान भी किया था।
अमरावती: स्वातंत्र्यवीर सावरकर के पोते रणजीत सावरकर ने किया खापर्डे वाड़ा का दौरा
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खापर्डे वाड़ा पर ध्यान दे सरकार: रणजीत सावरकर
स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्याध्यक्ष रणजीत सावरकर ने खापर्डे वाड़ा से कहा कि, ‘अमरावती का यह खापर्डे महल जर्जर हालत में है। इसलिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को इस पर ध्यान देना चाहिए’। सरकार को इस इमारत को खरीदकर इसका पुनरुद्धार करना चाहिए। क्योंकि, यह एक राष्ट्रीय क्रांति तीर्थ है। सरकार खापर्डे वाड़ा पर ध्यान दे, यह एक ऐतिहासिक विरासत है, सरकार इसे संरक्षित करे। इससे आगामी पीढ़ियां प्रेरणा ले सकेंगी।
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