वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानी एवं वरिष्ठ समाजसेवी अन्ना हजारे ने 23 सितंबर को कहा कि सूबे में मॉल और दुकानों में शराब की बिक्री किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं है। उन्होंने शिंदे-फडणवीस सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मॉल और दुकानों में शराब बिक्री की अनुमति दी गई तो मेरा रास्ता अलग होगा।
अन्ना हजारे ने अहमदनगर जिले के रालेगढसिद्धि में कहा कि उन्होंने पिछली सरकार की ओर से लाए गए इस निर्णय का जोरदार विरोध किया था। शराब बिक्री हमारी संस्कृति नहीं है। यह विदेशी संस्कृति है। मुझे नहीं लगता कि मौजूदा सरकार मॉल में शराब बेचने का फैसला करेगी लेकिन अगर ऐसा हुआ तो हमें अपने अलग रास्ते पर चलना पड़ेगा। अन्ना हजारे की इस चेतावनी के बाद राज्य सरकार की ओर से प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
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आबकारी मंत्री ने फैसले को बताया था किसानों के हित में
-दरअसल, राज्य के आबकारी मंत्री शंभूराज देसाई ने 22 सितंबर को पत्रकारों से कहा था कि महाविकास अघाड़ी सरकार के दौरान शराब को जनरल स्टोर या मॉल में बेचने का फैसला किया था। यह फैसला किसानों के हित में है। मॉल में शराब बेचने के फैसले को लेकर जनता की राय मांगी गई है। कई लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए एक मसौदा तैयार किया जाएगा।
-जनता की राय को ध्यान में रखते हुए मॉल में शराब की बिक्री को लेकर नीति तैयार की जाएगी। देसाई ने यह भी कहा कि वह शराब बिक्री नीति के मसौदे के साथ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ चर्चा करेंगे। राज्य के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने 22 सितंबर को कहा कि मॉल और दुकानों में शराब की बिक्री किसानों के लिए हितकर है। इससे कृषि उपज से शराब बनाने को गति मिलेगी और किसानों को लाभ होगा।
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