एनडीए की द्रौपदी मुर्मू देश की 15वीं राष्ट्रपति होंगी। 25 जुलाई को वे राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण करेंगी। रायसीना हिल्स स्थित राष्ट्रपति भवन में भी उनके स्वागत की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। लेकिन दिल्ली के अलावा दो और स्थान है जहां राष्ट्रपति भवन हैं। आइए आपको तेलंगाना राज्य में हैदराबाद के सिकंदराबाद शहर के बोलाराम नामक जगह पर स्थित राष्ट्रपति निलयम के बारे में अवगत कराते हैं। नियलम तेलुगु भाषा का शब्द है, जिसका मतलब है- घर या आवास। यानी राष्ट्रपति निलयम शब्द का मतलब होता है- प्रेसिडेंट हाउस यानी राष्ट्रपति निवास।
राष्ट्रपति निलयम को पहले रेजिडेंसी हाउस के नाम से जाना जाता था। देश के राष्ट्रपति साल में एक बार कुछ दिनों तक यहीं से काम करते हैं। आमतौर पर सर्दियों में कुछ दिनों के लिए राष्ट्रपति अपने आधिकारिक काम यही से करते हैं। इसके साथ यहां 150 लोगों की ठहरने की भी व्यवस्था है।
क्या है इतिहास?
इसका निर्माण 1860 में हैदराबाद के निजाम नसीर-उद-दौला ने कराया था। निजाम सेना की छावनी इलाके में स्थित ये इमारत निजाम सेना के मुख्य सैन्य अधिकारी का निवास स्थान हुआ करती थी। बाद में जब निजाम और अंग्रेजों के बीच हुए करार के तहत सिकंदराबाद में अंग्रेजों को छावनी बनाने की अनुमति मिल गई तो इसे अंग्रेजों ने अपने इस्तेमाल के लिए सिकंदराबाद स्थित ब्रिटिश रेजिडेंट का कंट्री हाउस यानी आवास बना दिया। देश जब ब्रिटिश हुकूमत से आजाद हुआ तब 1948 में सरदार पटेल की अगुवाई में हैदराबाद का विलय भारत में हुआ। इसके बाद सिकंदराबाद छावनी को भारतीय सेना को सौंप दिया गया। इसके साथ इसके तहत आने वाले रेजिडेंट हाउस को राष्ट्रपति सचिवालय को सौंप दिया गया।
क्या है विशेषता?
राष्ट्रपति निलयम 90 एकड़ में फैला है, जिसमें 11 कमरे हैं। इसकी खासबात यह है कि इसका किचन और डाइनिंग हॉल दो अलग भवनों में है जिसे एक सुरंग से जोड़ा गया है। यह भवन इको फ्रेंडली है जिसमें दो बागीचे हैं जिसमें एक नक्षत्र और एक हर्बल गार्डन है। भवन में सोलर सिस्टम और वॉटर हार्वेसिटिंग सिस्टम लगाया गया है । साल 2011 में इस भवन को आम लोगों के लिए खोला गया।
दिल्ली के राष्ट्रपति भवन के साथ निलयम में भी नक्षत्र वाटिका
वर्ष 2015 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने निलयम में नक्षत्र गार्डन की शुरुआत की थी। करीब एक एकड़ में फैसले नक्षत्र गार्डन को वैदिक ज्योतिष के श्रीचक्र के अनुसार विभिन्न ज्योमिट्रिकल जोड़ से तैयार किया गया है। इस वाटिका में 48 वृक्ष, 9 नवग्रहों, 12 राशियों और 27 नक्षत्रों का प्रीतक है । इसके साथ यहां के हर्बल गार्डन में 116 किस्मों के औषधीय पेड़-पौधे हैं। इनमें खस, चंदन, कालमेघ जैसे कई औषधीय पेड़ शामिल है।
शिमला की खूबसूरत पहाड़ी पर स्थित है भवन
शिमला में 8000 फीट की ऊंचाई पर रिट्रीट भवन स्थित है। 1850 में इस बिल्डिंग को शिमला के मेडिकल सुपरिन्टेंडेंट ने बनवाया था। यह बिल्डिंग 10,628 वर्ग फीट में फैली है। 1895 में वायसराय ने इस बिल्डिंग को फिर अपने कब्जे में ले लिया। आजादी के बाद इसे राष्ट्रपति भवन के रूप में तब्दील कर दिया गया। इसके बाद इस रिट्रीट को प्रेसिडेंशियल एस्टेट के हिस्से के रूप में माना गया।