राज्य के शिक्षा मंत्री डॉ. रनोज पेगू ने 26 जुलाई को कहा कि प्रत्येक विद्यालय में डिवाइस उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। इस बार पूरे शिक्षा अभियान के माध्यम से 65 हजार शिक्षकों को टैबलेट देने के लिए धनराशि निर्धारित की गई है। बाईजू जैसा एप बहुत कम लागत में तैयार किया जा रहा है। इसके जरिए विज्ञान, गणित, अंग्रेजी की पढ़ाई होगी। आने वाले दिनों में ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन क्लासरूम भी होंगे। ‘शिकन’ नाम से एक नया एप जल्द ही लॉन्च किया जाएगा।
उन्होंने कार्यक्रम में कहा कि शिक्षकों के तबादले के लिए हजारों फाइलें विभाग में पड़ी हैं। दो दिन में 7,716 तबादले ऑनलाइन किए गए हैं। एक पोर्टल के माध्यम से पहले चरण में शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया। दो दिन में दूसरे चरण का तबादला कार्य शुरू हो जाएगा।
ऑनलाइन पोर्टल के जरिए तबादला
शिक्षा मंत्री ने कहा कि बिना किसी से मिले ऑनलाइन पोर्टल के जरिए तबादला का कार्य किया गया है। पहले तबादला होगा, उसके बाद शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी। उन्होंने कहा कि अब सेकंडरी एडुकेशन बोर्ड ऑफ असम (सेबा) के परीक्षा परिणाम, मार्कशीट अब सभी व्यवस्थाएं उंगलियों पर उपलब्ध हैं। जल्द ही प्रबंधन के लिए पोर्टल की व्यवस्था की जाएगी। सरकार ऑनलाइन शिक्षा के बुनियादी ढांचे पर काम कर रही है।
नये विद्यालय नहीं होंगे प्रादेशीकृत
स्कूल प्रादेशीकरण के संबंध में शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोई भी नया स्कूल प्रादेशीकरण नहीं होगा। केवल प्रादेशीकरण अधिनियम 2017 के तहत आने वाले स्कूलों को प्रादेशीकृत किया जाएगा। अगर कोई स्कूल बचा है तो प्रादेशीकृत होगा। राज्य के 26,000 गांवों के मुकाबले पहले से ही 48,000 स्कूल हैं।
100 से कम छात्रों वाले 1000 स्कूल
स्कूल एकीकरण पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि माध्यमिक स्कूलों में 100 से कम छात्रों वाले 1000 स्कूल हैं। बिना छात्रों के स्कूलों का विलय किया जाएगा। जिन स्कूलों में छात्र हैं उनका एकीकरण नहीं होगा। उन्होंने कहा कि दूरी कोई प्रासंगिक मुद्दा नहीं है। आदर्श विद्यालय सरकारी संस्थाओं द्वारा संचालित होंगे।
दो एप लॉन्च
सेबा के सौजन्य से 26 को दो एप लांच किये किये गये। इन एप के जरिए ही स्पोकन इंग्लिस की पढ़ाई उपलब्ध होगी। साथ ही परिणाम और लिगेसी डाटा भी इसके जरिए उपलब्ध होगा। एप पर वर्ष 2016 के एचएसएलसी-एएचएम की लिगेसी डेटा भी उपलब्ध होगा। एप के लांचिंग अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ. रनोज पेगू, शिक्षा सलाहकार डॉ. ननीगोपाल महंत के साथ ही शिक्षा विभाग के शीर्ष अधिकारी उपस्थित थे।