Assam: उग्रवादी शिविर से भागे कैडर ने किया आत्मसमर्पण, जानें क्यों भाग रहे कैडर

329

असम (Assam) में उग्रवादी शिविरों (militant camp) से भागने का क्रम बना हुआ है। तिनसुकिया (tinsukia) के फिलोबाड़ी में यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ़ असम (स्वाधीन), उल्फा (स्व) के एक शिविर से भागकर आए एक कैडर (Cadre) द्वारा आत्मसमर्पण (surrenders) करने का मामला प्रकाश में आया है। कुछ दिनों असम के बजाली जिले के एक युवक, जो प्रतिबंधित यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असोम-इंडिपेंडेंट (उल्फा-आई) में शामिल हो गया था, को कथित तौर पर म्यांमार में अपने शिविर से भागने की कोशिश के लिए मार डाला गया था।

शीर्ष अधिकारियों की मौजूदगी में किया आत्मसमर्पण
उल्फा (स्व) के शिविर में भागकर आत्मसमर्पण किए कैडर का नाम पलाश मोरान बताया गया है। पलाश मोरान ने तिनसुकिया पुलिस के शीर्ष अधिकारियों की मौजूदगी में आत्मसमर्पण किया। वह 2019 में संगठन में शामिल हुआ था।ज्ञात हो कि म्यांमार शिविर से भागने की कोशिश करने के लिए हाल ही में दो अन्य कैडरों को संगठन ने मौत की सजा दी थी। इस घटना पर राज्य भर में प्रतिक्रिया जारी रही।

उल्फा-आई शिविरों में भोजन की कमी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उल्फा-आई शिविरों में भोजन की कमी है, कैडरों को दिन में दो बार यानी केवल सुबह और दोपहर के समय भोजन दिया जाता है। वे रात का खाना नहीं परोसते। इसके कारण शिविर में कई युवाओं की मौत हो गई है। कुछ दिनों पहले असम के पुलिस महानिदेशक, ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने एक्स पर लिखा था, “एक बार फिर, वही कहानी। वे नहीं बदलेंगे. असम के युवा मित्रों, एक निरंकुश संगठन के लिए अपना जीवन बर्बाद न करें। वहां आपकी जान की कोई कीमत नहीं है।”

यह भी पढ़ें – भूटान नरेश की भारत यात्रा आज से, होगा दूरगामी असर

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.