दुनिया भर में कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या हर साल बढ़ रही है। फेफड़ों के कैंसर के ज्यादातर मामले पुरुषों में और स्तन कैंसर के मामले महिलाओं में होते हैं। इससे मृत्यु दर भी बढ़ रही है।अब तक कैंसर से बचाव के लिए कोई दवा या टीका उपलब्ध नहीं था। इस बीमारी के ज्यादातर मामले आखिरी स्टेज में देखने को मिलते हैं।
हाल ही में वैज्ञानिकों ने कैंसर के इलाज के लिए एक इंजेक्शन विकसित किया है। जिससे इस बीमारी के इलाज में लगने वाला समय कम हो सकता है। दवा इंजेक्शन से भी दी जाएगी, जिससे कैंसर कोशिकाओं को सिकुड़ने में मदद मिलेगी।मिली जानकारी के अनूसार, इंग्लैंड के वैज्ञानिकों ने इस इंजेक्शन को विकसित किया है। इंग्लैंड की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा का कहना है कि एटेज़ोलिज़ुमैब नामक इंजेक्शन कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोक देता है। यह इंजेक्शन त्वचा के नीचे दिया जाएगा। इंजेक्शन को शरीर में पूरी तरह से प्रवेश करने में सात मिनट लगते हैं और केवल आधे घंटे में काम करना शुरू कर देता है।
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क्या है एटेज़ोलिज़ुमैब इंजेक्शन
एटेज़ोलिज़ुमैब एक इम्यूनोथेरेपी उपचार है। यह शरीर में कैंसर कोशिकाओं का पता लगाएगा और उन्हें नष्ट कर देगा। ये इलाज कीमो और रेडियोथेरेपी से भी कम समय में हो जाएगा। फिलहाल यह इलाज फेफड़े, स्तन और लीवर कैंसर के मरीजों को दिया जा रहा है। इससे कैंसर के इलाज को आसान बनाने में काफी मदद मिलेगी। मरीजों को लंबे समय तक इलाज नहीं कराना पड़ेगा। दवा कुछ ही समय में शरीर में जाकर कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने का काम करती है।पहले, यह दवा कैंसर के रोगियों में ड्रिप के माध्यम से अंतःशिरा में दी जाती थी। जिसके लिए 30 मिनट या एक घंटा भी लग जाता था। लेकिन यह इंजेक्शन सीधे त्वचा पर लगाया जाएगा। इसमें केवल सात मिनट लगेंगे। इससे कैंसर के इलाज में समय की बचत होगी।