Athirapally Waterfalls: केरल (Kerala) के हरे-भरे जंगलों (lush green forests) में बसा अथिरापल्ली जलप्रपात (Athirapally Falls) एक मनमोहक नज़ारा है, जिसे “भारत का नियाग्रा” (Niagara of India) का नाम दिया गया है। त्रिशूर जिले (Thrissur district) में स्थित, यह झरना देश के सबसे बड़े झरनों (largest waterfalls in the country) में से एक है, जो दुनिया भर से पर्यटकों को अपने शांत और विस्मयकारी परिवेश की ओर आकर्षित करता है।
80 फ़ीट की ऊँचाई से गिरता अथिरापल्ली जलप्रपात चालकुडी नदी से जल प्राप्त करता है, जो पश्चिमी घाट से निकलती है। झरने का गर्जन वाला बहाव एक धुंधली चादर बनाता है, जो आगंतुकों को प्रकृति की कच्ची शक्ति और सुंदरता का जादुई दृश्य प्रदान करता है। घने जंगलों से घिरा यह झरना वनस्पतियों और जीवों की समृद्ध विविधता का घर है, झरने के आसपास के क्षेत्र को एक पारिस्थितिक खजाना घोषित किया गया है।
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जैव विविधता हॉटस्पॉट
अथिरापल्ली के आसपास का वन पारिस्थितिकी तंत्र पश्चिमी घाट का हिस्सा है, जो यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है। यह वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक आश्रय स्थल है, जहाँ शेर-पूंछ वाले मकाक, हॉर्नबिल और हाथी जैसी प्रजातियाँ आम हैं। यह क्षेत्र एक महत्वपूर्ण पक्षी संरक्षण क्षेत्र भी है, जो इसे पक्षीविज्ञानियों के बीच पसंदीदा बनाता है।
पर्यटन और आकर्षण
अथिरापल्ली जलप्रपात न केवल प्रकृति प्रेमियों के लिए बल्कि रोमांच चाहने वालों के लिए भी एक गंतव्य है। जंगल की पगडंडियों से होते हुए ट्रेकिंग करना, चालकुडी नदी के ठंडे पानी में नहाना और आश्चर्यजनक परिदृश्य की तस्वीरें खींचना लोकप्रिय गतिविधियाँ हैं। मानसून के मौसम में जब पानी का प्रवाह अपने चरम पर होता है, तो झरने विशेष रूप से मंत्रमुग्ध कर देने वाले होते हैं। आस-पास के आकर्षणों में थोड़ी ही दूरी पर स्थित वज़ाचल जलप्रपात और शोलायर बांध शामिल हैं। कई पर्यटक केरल की अनूठी संस्कृति और व्यंजनों का अनुभव करते हुए क्षेत्र के आसपास के पारंपरिक गाँवों की खोज भी करते हैं।
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सांस्कृतिक महत्व
अथिरापल्ली जलप्रपात ने भारतीय सिनेमा पर भी अपनी छाप छोड़ी है। इसकी सुंदर पृष्ठभूमि को कई फिल्मों में दिखाया गया है, जिसमें प्रतिष्ठित “बाहुबली” श्रृंखला भी शामिल है। झरने की सिनेमाई अपील ने इसकी प्रसिद्धि में और योगदान दिया है, जिससे यह फिल्म निर्माताओं के लिए एक पसंदीदा शूटिंग स्थान बन गया है।
संरक्षण की चुनौतियां
अपनी सुंदरता के बावजूद, अथिरापल्ली को क्षेत्र में प्रस्तावित जलविद्युत परियोजनाओं से खतरों का सामना करना पड़ रहा है। पर्यावरणविदों और स्थानीय समुदायों ने नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र पर इस तरह के विकास के प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त की है। पर्यटन, संरक्षण और विकास को संतुलित करना अधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती बनी हुई है।
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कैसे पहुचें?
अथिरापल्ली सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है और निकटतम प्रमुख शहर कोच्चि से लगभग 70 किलोमीटर दूर है। आगंतुक झरने तक पहुँचने के लिए निजी वाहन, टैक्सी या बस ले सकते हैं। यात्रा अपने आप में एक सुखद अनुभव है, क्योंकि मार्ग रबर के बागानों, चाय के बागानों और छोटी धाराओं से युक्त सुरम्य परिदृश्यों से होकर गुजरता है।
अथिरापल्ली झरना केवल एक पर्यटक आकर्षण नहीं है; यह प्रकृति की भव्यता का प्रमाण है। चाहे आप शांति, रोमांच या बस रोज़मर्रा की भागदौड़ भरी ज़िंदगी से छुट्टी की तलाश में हों, यह प्राकृतिक आश्चर्य आपको एक ऐसा अनुभव प्रदान करता है जो तरोताज़ा करने वाला और अविस्मरणीय दोनों है। अपनी पारिस्थितिक अखंडता को बनाए रखने के प्रयासों के बावजूद, अथिरापल्ली केरल के प्राकृतिक चमत्कारों के मुकुट में एक चमकता हुआ रत्न बना हुआ है।
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