अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने मंगलवार को महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड मामले से खुद को हटाए जाने पर नाराजगी जताते हुए सुप्रीम कोर्ट से वक्फ बोर्ड के खिलाफ अवमानना चलाने की मांग की। अटार्नी जनरल की शिकायत पर चीफ जस्टिस एनवी रमना ने महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड को फटकार लगाते हुए कहा कि अटार्नी जनरल के साथ आपका व्यवहार सही नहीं है।
अटार्नी जनरल ने कहा कि ये न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप का अनुचित प्रयास है। सर्वोच्च न्यायालय में ऐसा नहीं हो सकता। वकील का अंतिम समय में इस तरह बदलना कोर्ट की अवमानना के बराबर है। सुनवाई के दौरान कोर्ट का सख्त रुख देखते हुए महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से तुरंत माफी मांगी। अटार्नी जनरल ने कहा कि वो वक्फ बोर्ड के इस पत्र को कोर्ट के रिकॉर्ड पर रख रहे हैं ताकि अगली सुनवाई के दिन कोर्ट इस पर विचार कर सके। मामले की अगली सुनवाई 19 अगस्त को होगी।
यह है मामला
दरअसल, महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड ऑफ वक्फ की ओर से दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए इस सवाल पर विचार करने का फैसला किया है कि क्या एक चैरिटेबल ट्रस्ट सिर्फ इसलिए वक्फ संपत्ति बन जाएगा, क्योंकि ये किसी मुस्लिम द्वारा शुरू किया गया है। इस मामले को अटार्नी जनरल ने दो सप्ताह टालने की मांग की थी क्योंकि वे अस्वस्थ थे। लेकिन वक्फ के एक वकील ने खुद को बोर्ड के वकील के रूप में पेश करते हुए एक पत्र भेजा, जिसमें कहा गया था कि चूंकि मामला अत्यावश्यक प्रकृति का है, इसलिए वक्फ बोर्ड ने मामले को आगे बढ़ाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की है। इसके बाद अटार्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को चिट्ठी लिखकर महाराष्ट्र सरकार के निर्णय के प्रति नाराजगी जताई।