Ayodhya: अयोध्या, भगवान श्री राम की जन्मभूमि, एक अद्वितीय और ऐतिहासिक आध्यात्मिक आयोजन की मेजबानी करेगी, जिसमें श्री महा नारायण दिव्य रुद्र सहित शत सहस्र चंडी विश्व शांति महायज्ञ का भव्य आयोजन 2 नवंबर से 28 दिसंबर, 2024 तक किया जाएगा। कलयुग में इस प्रकार का यज्ञ पहली बार हो रहा है और संभवत पूरे विश्व का अब तक का यह सबसे बड़ा महायज्ञ है।यह 57 दिवसीय महायज्ञ, जो श्री कांची कामाक्षी अम्मा की प्रेरणा से हो रहा है, सनातन धर्म के प्रचार, विश्व शांति और वैश्विक कल्याण के लिए समर्पित है।
सनातन धर्म की पुनर्स्थापना और प्रचार में अहम भूमिका
इस महायज्ञ का आयोजन श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, श्री कांची कामकोटि पीठ, और चिन्मयी सेवा ट्रस्ट द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। यह आयोजन न केवल भारत में, बल्कि विश्व स्तर पर सनातन धर्म की पुनर्स्थापना और प्रचार तथा वैश्विक शांति की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती, चांदनी चौक सांसद प्रवीण खंडेलवाल, वेदाचार्य श्री डीएसएन मूर्ति, कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भारतीया, व्यापारी नेता श्री अमर परवानी, सत्य भूषण जैन, आचार्य शुभेश और अन्य लोगों ने प्रेस वार्ता को संबोधित किया।
महायज्ञ का उद्देश्य
इस महायज्ञ का मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म के शाश्वत सिद्धांतों को पुनर्जीवित करना, विश्व शांति को बढ़ावा देना और सामूहिक कल्याण के लिए वैदिक अनुष्ठानों के माध्यम से सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार करना है। यह आयोजन प्राचीन वैदिक परंपराओं के आधार पर होगा, जिसमें भक्तों और आध्यात्मिक साधकों को भारत एवं विश्व भर में सामूहिक कल्याण में अपना योगदान देने का अनुपम अवसर मिलेगा।
विशेषताएं और आयोजन की व्यापकता
इस महायज्ञ में देशभर से 900 विद्वान पुरोहित प्रतिदिन वैदिक मंत्रोच्चार और वैदिक रीति से अनुष्ठान करेंगे, जिससे अयोध्या नगरी में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होगा।