कोरोना महामारी के बीच बाबा रामदेव को एलोपैथी के खिलाफ बयान देना भारी पड़ता दिख रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने इसे कोरोना काल में दिन-रात युद्धरत डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों का अपमान बताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है,’संपूर्ण देशवासियों के लिए कोरोना के खिलाफ दिन-रात युद्धरत डॉक्टर व अन्य स्वास्थ्यकर्मी देवतुल्य हैं। बाबा रादमेव जी के वक्तव्य ने कोरोना योद्धाओं का निरादर कर, देशभर की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचाई है। मैंने उन्हें पत्र लिखकर अपना आपत्तिजनक वक्तव्य वापस लेने को कहा है।’
संपूर्ण देशवासियों के लिए #COVID19 के खिलाफ़ दिन-रात युद्धरत डॉक्टर व अन्य स्वास्थ्यकर्मी देवतुल्य हैं।
बाबा @yogrishiramdev जी के वक्तव्य ने कोरोना योद्धाओं का निरादर कर,देशभर की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचाई।
मैंने उन्हें पत्र लिखकर अपना आपत्तिजनक वक्तव्य वापस लेने को कहा है। pic.twitter.com/QBXCdaRQb1
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) May 23, 2021
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इससे पहले उनके बयान को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कड़ी आपत्ति जताई थी। उसके बाद पतंजलि की प्रतिक्रिया सामने आई थी। भारतीय चिकित्सा संघ ने 22 मई को केंद्र सरकार से मांग की कि अज्ञानता भरी टिप्पणी कर लोगों को भ्रमित करने तथा एलोपैथी दवाओं को मूर्खतापूर्ण विज्ञान बताने के लिए योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। दूसरी और हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट ने इस टिप्पणी से इनकार करते हुए, इसे गलत बताया है।
पुलिस में शिकायत
- दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन( डीएमए) ने 22 मई को दिल्ली के दरियागंज पुलिस थाने में दर्ज कराई शिकायत
- बाबा रामदेव पर निजी हित के लिए मेडिकल साइंस और मेडिकल पेशे की धज्जियां उड़ाने का आरोप
- पुलिस ने जांच शुरू करने की बात कही
- एम्स और सफदरजंग अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएश ने भी रामेदव के बयान की नींदा की, कड़ी कार्रवाई की मांग
बाबा रामदेव ने क्या कहा?
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो का हवाला देते हुए आईएमए ने कहा कि रामदेव ने दावा किया है कि एलोपैथी मूर्खतापूर्ण विज्ञान है और भारत के औषधि महानियंत्रक द्वारा कोविड-19 के इलाज के लिए मंजूर की गई रेमडेसिविर, फेवीफ्लू तथा ऐसी अन्य दवाएं बीमारी का इलाज करने में असफल हो रही हैं तथा इन दवाओं के लेने के बाद लाखों मरीजों की मौत हुई है।
पतंजलि ने दिया स्पष्टीकरण
विवाद बढ़ता देख पतंजलि के आचार्य बाल कृष्ण ने स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने अपने हस्ताक्षर से जारी बयान में कहा है, ‘महामारी काल में दिन-रात कठिन परिश्रम कर रहे डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ का रामदेव पूरा-पूरा सम्मान करते हैं। स्वामी जी की आधुनिक विज्ञान और चिकित्सा पद्धति से चिकित्सा करने वालाों के खिलाफ गलत मंशा नहीं है। उनके खिलाफ जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, वो गलत और निरर्थक हैं।’