BAPS Akshardham Temple: गांधीनगर के बीएपीएस अक्षरधाम मंदिर के बारे में जानें

यह मंदिर न केवल अपनी वास्तुकला और भव्यता के लिए जाना जाता है, बल्कि इसके धार्मिक महत्व और सांस्कृतिक योगदान के कारण भी यह स्थल श्रद्धालुओं और पर्यटकों के बीच एक प्रमुख आकर्षण बना हुआ है।

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BAPS Akshardham Temple​: गुजरात राज्य की राजधानी गांधीनगर में स्थित बीएपीएस अक्षरधाम मंदिर एक अद्वितीय धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में प्रसिद्ध है।

यह मंदिर न केवल अपनी वास्तुकला और भव्यता के लिए जाना जाता है, बल्कि इसके धार्मिक महत्व और सांस्कृतिक योगदान के कारण भी यह स्थल श्रद्धालुओं और पर्यटकों के बीच एक प्रमुख आकर्षण बना हुआ है।

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अक्षरधाम मंदिर का इतिहास
बीएपीएस अक्षरधाम मंदिर का उद्घाटन 2 अक्टूबर 1992 को हुआ था और यह बीएपीएस (Bochasanwasi Akshar Purushottam Swaminarayan Sanstha) के तहत निर्मित किया गया है। मंदिर का मुख्य उद्देश्य भगवान स्वामिनारायण की भक्ति और उनके उपदेशों को लोगों तक पहुँचाना है। अक्षरधाम शब्द का अर्थ है ‘अक्षर’ यानी शाश्वत और ‘धाम’ यानी स्थान, जो कि शाश्वत, शुद्ध और दिव्य है।

यह मंदिर स्वामिनारायण संप्रदाय के अनुयायियों के लिए विशेष महत्व रखता है, लेकिन इसकी भव्यता और संस्कृति के कारण यह सभी धर्मों और संस्कृतियों के लोगों को आकर्षित करता है।

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मंदिर की वास्तुकला
अक्षरधाम मंदिर की वास्तुकला बेहद अद्वितीय और भव्य है। इसका मुख्य मंदिर सफेद संगमरमर से बना हुआ है और इसकी दीवारों पर अद्वितीय नक्काशी की गई है। मंदिर के मुख्य गर्भगृह में भगवान स्वामिनारायण की प्रतिमा स्थापित है, जो भक्तों के लिए आस्था और श्रद्धा का केंद्र है।

मंदिर परिसर में एक विशाल उद्यान है, जिसे “यात्रा मार्ग” कहा जाता है, जहां पर विभिन्न प्रकार के फूलों और वृक्षों के साथ साथ जल निकासी और जल संरचनाएं भी आकर्षण का केंद्र हैं। मंदिर के चारों ओर भव्य मीनारें और ऊँचे गुम्बद हैं, जो इसकी वास्तुकला को और भी आकर्षक बनाते हैं।

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मंदिर का सांस्कृतिक और शैक्षिक महत्व
अक्षरधाम मंदिर में केवल धार्मिक पूजा और ध्यान के लिए ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और शैक्षिक गतिविधियों के लिए भी बहुत से कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। यहाँ एक अत्याधुनिक “यात्रा मार्ग” है, जिसमें भक्तों को भगवान स्वामिनारायण के जीवन और उपदेशों से परिचित कराने के लिए डिजिटली प्रस्तुतियाँ और दृश्यात्मक अनुभव दिए जाते हैं। इसके अलावा, मंदिर परिसर में एक प्रदर्शनी भी आयोजित की जाती है, जिसमें धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व की जानकारी प्रदान की जाती है।

मंदिर में स्थित “आध्यात्मिक केंद्र” में विभिन्न कार्यशालाएँ, योग पाठ्यक्रम और ध्यान शिविर आयोजित किए जाते हैं, जो लोगों को मानसिक और शारीरिक शांति प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।

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धार्मिक महत्व
अक्षरधाम मंदिर का धार्मिक महत्व अत्यधिक है। यहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु भगवान स्वामिनारायण की पूजा अर्चना करने आते हैं। न केवल भारत से, बल्कि दुनिया भर से लोग यहाँ आकर भगवान के दर्शन करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। नवरात्रि और अन्य प्रमुख हिन्दू त्योहारों के दौरान यहाँ विशेष पूजा और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें हजारों भक्त भाग लेते हैं।

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बीएपीएस अक्षरधाम मंदिर
बीएपीएस अक्षरधाम मंदिर एक धार्मिक, सांस्कृतिक और वास्तुशिल्पीय धरोहर है, जो न केवल गुजरात, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। यह मंदिर न केवल श्रद्धा का केंद्र है, बल्कि इसके द्वारा प्रदत्त सांस्कृतिक और शैक्षिक अनुभवों के कारण यह स्थान लोगों को आत्मिक शांति और मानसिक संतुलन प्राप्त करने में मदद करता है। हर कोई इस अद्भुत मंदिर के दर्शन करने और यहाँ की भव्यता का अनुभव करने के लिए उत्सुक रहता है।

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