जम्मू-कश्मीर में गोवंश वध पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। केंद्र शासित प्रदेश के इतिहास में पहली बार इस तरह का आदेश जारी किया गया है। प्रदेश के प्रशासन ने इस बारे में आदेश जारी कर दिया है।
आदेश के अनुसार पहली बार ईद-उल-अजहा यानी बकरी ईद पर गो वंश वध पर बैन लगा दिया गया है। केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर प्रशासन ने यह ऐतिहासिक आदेश जारी किया है। इस आदेश के तहत बकरीद पर गोवंश ऊंट और अन्य जानवरों को मारने या अवैध रुप से कुर्बानी देने पर प्रतिबंध लागू कर दिया गया है।
इन कानूनों का दिया हवाला
बता दें कि 21 से 23 जुलाई के बीच बकरी ईद का त्योहार है। इस अवसर पर जम्मू कश्मीर में बड़ी संख्या में गोवंश की कुर्बानी दी जाती रही है। गोवंश और अन्य जानवरों की संभावित हत्या को लेकर एनिमल वेलफेयर बोर्ड ने प्रदेश प्रशासान से उचित निर्णय लेने का अनुरोध किया था। बोर्ड ने पशु सुरक्षा कानून 1960, ट्रांसपोर्ट ऑफ एनिमल वेलफेयर कानून 1978 तथा पशु सुरक्षा से जुड़े अन्य कानूनों का हवाला देते हुए यह मांग की थी।
आदेश का उल्लंघन करने पर होगी कड़ी कार्रवाई
अपने आदेश में प्रशासन ने कहा है कि पशु सुरक्षा से संबंधित कानूनों के मद्देनजर बकरीद पर अवैध रुप से गोवंश और अन्य जानवरों की हत्या पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस आदेश को नहीं मानने वाले सख्त कानूनी कार्रवाई और सजा के भागीदार होंगे।
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सभी संबंधित विभागों को नोटिस जारी
केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन ने केंद्रीय मत्स्य पालन और पशु पालन मंत्रालय के 25 जून 2021 के आदेश का हवाला देते हुए बकरीद पर जानवरों के मारने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है। प्रदेश के पशु और भेड़ पालन विभाग की ओर से जारी आदेश को प्रभावी तरीके से लागू करने का आदेश जारी किया गया है। यह आदेश सभी संबंधित विभागों को जारी किया गया है।
हो सकता है विवाद
प्रशासन के इस आदेश पर इस केंद्र शासित प्रदेश में विवाद होने की पूरी संभावना है। खास कर कश्मीर में मुसलामानों की आबादी अधिक होने के कारण इस आदेश पर बवाल होने की संभावना है। बता दें कि अब तक यहां बकरी ईद के त्योहार पर हर वर्ष सैकड़ों जानवरों की हत्या की जाती रही है। लेकिन अब इस पर अचानक पाबंदी लगा दिए जाने से उनमें नाराजगी बढ़ सकती है।