बेड अलॉटमेंट स्कैमः सीसीबी के हत्थे ऐसे चढ़े दो डॉक्टर समेत चार आरोपी

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में कोरोना संक्रमितों को बेड दिए जाने में धांधली किए जाने का मामला उजागर हुआ है। फिलहाल सेंट्रल क्राइम ब्रांच (सीसीबी) ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें दो डॉक्टर भी शामिल हैं।

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कोरोना की दूसरी लहर की सुनामी से देश में तबाही मची हुई है। हर दिन साढ़े तीन लाख से ज्यादा आ रहे मामले ने देश में आतंक फैला दिया है। इस हाल में भी कुछ लोग भ्रष्टाचार और घोटाले करने से बाज नहीं आ रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि अस्पतालों में बेड न मिलने से लोग परेशान हैं। उन्हें दवाओं से लेकर ऑक्सीजन तक की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में कोरोना संक्रमितों को बेड दिए जाने में धांधली किए जाने का मामला उजागर हुआ है। फिलहाल सेंट्रल क्राइम ब्रांच ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें दो डॉक्टर भी शामिल हैं।

बता दें कि इससे पहले इस मामले की जांच स्थानीय पुलिस कर रही थी, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए बेंगलुरू के पुलिस आयुक्त कमल पंत ने इसकी जांच केंद्रीय अपराध शाखा को सौंप दी।

दो डॉक्टर समेत चार लोग गिरफ्तार
बेड अलॉटमेंट घोटाला मामले में केंद्रीय अपराध शाखा (सीसीबी) ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो डॉक्टर भी शामिल हैं। सीसीबी के अधिकारियों ने बृहद महानगरपालिका बेंगलुरू के सभी आठ वार रुम में छापा मारकर इन आरोपियों को गिरफ्तार किया।

भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने किया था भंडाफोड़
बेंगलुरु दक्षिण के भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या के नेतृत्व में भाजपा विधायकों द्वारा दक्षिण जोन वार रुम में कर्मचारियों द्वारा बेड अलॉटमेंट में कथित रुप से भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करने के एक दिन बाद ये गिरफ्तारी हुई। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में डॉ. रेहान, दक्षिण जोन वार रुम के प्रभारी और दूसरा डॉ. सुरेश बोमनहल्ली वार रूम के प्रभारी शामिल हैं।

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अधिकारी ने दी जानकारी
इस बारे में सीसीबी के एक अधिकारी ने बताया, “हमने डॉ. रेहान को गिरफ्तार किया है और हम रैकेट में शामिल दूसरे लोगों के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। दूसरे अधिकारी डॉ. सुरेश को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। हमें अभी उनसे पूछताछ करनी है।

 मोडस ऑपरेंडी
इन दोनों ने कथित रूप से तीसरे आरोपी, बोमनहल्ली वार रुम के कर्मचारी, शशि कुमार को आईडी का उपयोग करके बेड को ब्लॉक करने का निर्देश दिया था। पुलिस को संदेह है कि होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना रोगियों के नाम पर बेड को बुक किया जा रहा था,ताकि बाद में उन्हें दूसरों को बेचा जा सके। फिलहाल सीसीबी अधिकारी आरआर नगर, महादेवपुरा, येलहंका और दसाराहल्ली के अन्य वार रूम के रिकॉर्ड की जांच कर रहे हैं।

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संदेह के घेरे में निजी अस्पताल
सीसीबी को इस तरह के घोटाले में दूसरे कई निजी अस्पतालों के भी शामिल होने का संदेह है। जिस दिन भाजपा विधायक तेजस्वी सूर्या ने घोटाले का खुलासा किया था, जयनगर पुलिस ने उसी दिन कोविड बेड बुकिंग घोटाले में सामाजिक कार्यकर्ता नेत्रवती और उसके भतीजे रोहित कुमार को गिरफ्तार था। पुलिस द्वारा एक स्टिंग ऑपरेशन किए जाने के बाद इन दोनों को गिरफ्तार किया गया था। ये कथित रूप से पहले से ब्लॉक किए गए बेड को 20,000 से 40,000 रुपए लेकर निराश और हताश कोरोना मरीजों को बेच रहे थे। शुरुआत में मामले की जांच कर रहे जयनगर पुलिस थाने के उपनिरीक्षक चंदन काले ने बताया कि दोनों शहर के कई अस्पतालों के खाली बेडों के बारे में जानकारी लेकर उन्हें ब्लॉक करा देते थे और फिर किसी कोरोना मरीज को बेच देते थे। बेड के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए उनके कई लोग काम करते थे।

घर में आइसोलेटेड मरीज के नाम पर किया बेड ब्लॉक
इस मोडस ऑपरेंडी का उपयोग करते हुए, आरोपी ने 1 मई को जयनगर के अपोलो अस्पताल में एक बिस्तर बेचा था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, चंद्रशेखर के नाम पर बेड को ब्लॉक कर दिया गया था, जो वास्तव में घर में आइसोलेटेड था। सीसीबी ने बताया कि कई लोग इस रैकेट के हिस्सा हैं। फिलहाल उन्होंने अपने फोन स्विच ऑफ कर दिए हैं। उन्हें ट्रैक करने के प्रयास जारी हैं।

सांप्रदायिकता जैसी कोई बात नहींः गृह मंत्री
गृह मंत्री बसवराज बोम्मई ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जांच में कुछ भी सांप्रदायिक नहीं था। उन्होंने दावा किया कि दोषी पाए गए सभी लोगों भी दंडित किया जाएगा।

लोकायुक्त ने लिया संज्ञान
लोकायुक्त पी. विश्वनाथ शेट्टी ने कथित बेड-ब्लॉकिंग घोटाले का संज्ञान लिया और लोकायुक्त द्वारा मामले की एक समानांतर जांच का आदेश दिया है। उन्होंने निर्देश दिया कि तीन सप्ताह में उन्हें इसकी रिपोर्ट सौंपी जाए। अपने आदेश में उन्होंने कहा कि लोकायुक्त जांच केवल दक्षिण क्षेत्र तक सीमित नहीं होगी, बल्कि पूरे शहर में कोविड-19 रोगियों के लिए बिस्तर आवंटन की जांच की जाएगी। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को अब तक आवंटित सभी बिस्तरों का विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

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