राज्य सहकारी बैंक कर्मियों से ये असहकार! दुराभाव दूर करने की उठी मांग

लॉकडाउन काल में राज्य सहकारी बैंक के कर्मचारी पूरी निष्ठा से अपने कार्यों का संचालन कर रहे हैं। ये कर्मचारी अत्यावश्यक सेवाओं के अनुरूप प्रतिदिन बैंक में अपनी सेवाएं दे रहे हैं लेकिन अत्यावश्यक सेवा क्षेत्र को मिलनेवाली सुविधाओं के नाम पर इनके साथ दुराभाव हो रहा है।

143

महाराष्ट्र में लॉकडाउन लागू है। इस बीच शहर की लाइफ लाइन कही जानेवाली लोकल ट्रेन में मात्र अत्यावश्यक सेवाओं से संलग्न कर्मियों को ही यात्रा की अनुमति दी गई हैं। इन सेवाओं में राज्य के सहकारी बैंक कर्मियों को अलग रखा गया है। जिससे इन कर्मियों के आगे अब बैंक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग के अलावा कोई पर्याय नहीं है।

राज्य में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सरकार ने 15 दिनों का लॉकडाउन घोषित किया है। इस दौरान अतिआवश्यक सेवाओं की एक सूची बनाई गई है जिसमें सम्मिलित की गई सेवा संस्थाओं के कर्मियों को ही लोकल ट्रेन में यात्रा की अनुमति है। इस सूची में बैंक कर्मियों को सम्मिलित किया गया है। लेकिन सहकारी बैंक के कर्मचारियों को इससे अलग रखा गया है।

ये भी पढ़ें – अग्नितांडव! एक और अस्पताल भस्म, गई चार रुग्ण की जान

भाजपा नेता ने लिखा पत्र
सहकारी बैंक से संलग्न कर्मचारियों की दिक्कतों को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी के सांसद विनय सहस्रबुद्धे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने देश के लिए कठिन इस महामारी काल में सहकारी बैंक के कर्मचारियों की निष्ठा और सेवा का उल्लेख करते हुए उनके साथ हुए दुराभाव की ओर ध्यान आकर्षित किया है।

भारतीय मजदूर संघ ने इस संदर्भ में रेलवे मंत्री पीयूष गोयल को भी पत्र लिखा है, जिसकी प्रति भी संलग्न करके उन्होंने मुख्यमंत्री को भेजा है। विनय सहस्रबुद्धे ने मांग की है कि अन्य बैंक कर्मियों के समान ही सहकारी बैंक के कर्मचारियों को भी लोकल ट्रेन में यात्रा की अनुमति दी जाए।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.