आज देश और प्रदेश में युवा वर्ग नशे चपेट में आकर ना केवल स्वयं का बल्कि देश का भविष्य भी बर्बाद कर रहे हैं। इसीलिए प्रत्येक व्यक्ति का फर्ज बनता है कि युवाओं को नशे जैसी बुराई के प्रति जागरूक करें। इसीलिए संयुक्त राष्ट्र हर वर्ष 26 जून को अंतरराष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध दिवस मनाता है, ताकि नशे से होने वाले दुष्प्रभाव बारे लोगों को जागरूक किया जा सकें। यह बात अखिल भारतीय युवा जन कल्याण संगठन के अध्यक्ष स्टील मैन पहलवान बिजेंद्र सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध दिवस पर 26 जून को शहर में विभिन्न स्थानों पर डोर-टू-डोर जाकर नागरिकों को नशे के दुष्प्रभाव बताते हुए कही।
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धूम्रपान करने में दूसे स्थान पर भारत
इस दौरान अंतर्राष्ट्रीय फिटनेस अवॉर्डी स्टील मैन पहलवान बिजेंद्र सिंह ने नशे के खिलाफ वर्ष 2023 तक 100 शक्ति प्रदर्शन अभियान की कड़ी में रस्साकस्सी के साथ 34वां शक्ति प्रदर्शन कर नशे से दूर रहने का संदेश दिया। पहलवान बिजेंद्र सिंह ने कहा कि भारत में 25 करोड़ से अधिक लोग सिगरेट, बीड़ी, हुक्का, गुटखा, पान मसाला किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं। पूरे विश्व में धूम्रपान करने वाले लोगों की 12 प्रतिशत आबादी भारत में है। उन्होंने कहा कि भारत पूरे विश्व में दूसरे नंबर पर है, जहां सबसे अधिक धूम्रपान किया जाता है। हर दिन लगभग 2500 लोगों की धूम्रपान से मौत होती है। स्टील मैन ने कहा कि तंबाकू से बने उत्पादों के द्वारा धूम्रपान करने से कैंसर, हृदय रोग, डायबिटीज होने की संभावना रहती है।
युवाओं को दिया ये संदेश
उन्होंने कहा कि नशे के दुष्प्रभावों से अनजान युवा शौक के चलते नशे की गर्त में फंसते चले जाते है, जिससे आपराधिक गतिविधियों में फंसकर भी युवा स्वयं तथा देश का भविष्य दांव पर लगा देते है। उन्होंने कहा कि नशे जैसी बुराई में संलिप्त होकर युवा स्वयं के साथ अपने परिवार को भी बर्बादी की कगार पर खड़ा कर देते है। इसीलिए युवाओं को नशे के दुष्प्रभाव बताने एवं देशी खान-पान के जरिए स्वस्थ रहने के तरीके बताने के उद्देश्य से उन्होंने शति प्रदर्शन का अभियना शुरू किया है।