भोपाल गैस कांड की 38वीं बरसी पर शनिवार सुबह सेंट्रल लाइब्रेरी में श्रद्धांजलि और सर्वधर्म प्रार्थना सभा आयोजित की गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी सभा में शामिल हुए और मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि 2-3 दिसंबर 1984 की रात भुलाए नहीं भूलती।
जरूरतों के अनुसार करें प्राकृतिक संसाधनों का दोहन
श्रद्धांजलि सभा में मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि भोपाल गैस त्रासदी में प्राण गंवाने वाली दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। आज सभी धर्मगुरुओं ने उनके लिए प्रार्थना की है। सभी धर्म मानव कल्याण की कामना के साथ प्रेरित करते हैं कि हम दूसरों की पीड़ा दूर करने के लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि भोपाल गैस त्रासदी इस बात का सबक है कि हम अपनी जरूरतों के अनुसार ही प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करें। प्रकृति से उतना ही लें, जितना आवश्यक है। यह धरती सबके लिए है। सबको जीने का हक है। जरूरत से ज्यादा प्रकृति का दोहन हमारे ही विनाश का कारण बन सकता है।
विभिन्न समुदायों के धर्मगुरु थे मौजूद
सभा के दौरान मंच पर कमिश्नर माल सिंह, महापौर मालती राय समेत विभिन्न समुदायों के धर्मगुरु भी मौजूद थे। सीएम के संबोधन से पहले धर्मगुरुओं ने अपने विचार रखें। कार्यक्रम के आखिर में दो मिनट का मौन रखकर गैस कांड के मृतकों को श्रद्धांजलि दी गई।
दर्द भरी ‘वह’ रात
2-3 दिसंबर 1984 की रात जब सब लोग सो रहे थे तभी भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड कीटनाशक संयंत्र से जहरीली गैस का रिसाव हो गया। इस त्रासदी में 3,787 लोगों की मौत हो गई थी। इसका असर आसपास के रहने वाले लोगों पर भी पड़ा और कई लोग गंभीर बीमारी का शिकार हो गए। इसमें लगभग 4 हजार लोग स्थायी रूप से दिव्यांग हो गए थे।