रामजन्मभूमि आंदोलन से जुड़े बड़े नेता आचार्य धर्मेंद्र का निधन

हिन्दूवादी नेता आचार्य स्वामी धर्मेन्द्र का 19 सितंबर को निधन हो गया। वे जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में भर्ती थे।

131

विश्व हिन्दू परिषद के मार्गदर्शक मण्डल से जुड़े बड़े हिन्दूवादी नेता आचार्य स्वामी धर्मेन्द्र का 19 सितंबर को निधन हो गया। वे जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में भर्ती थे। आचार्य स्वामी धर्मेंद्र पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे और उन्हें सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।

19 सितंबर की सुबह आचार्य स्वामी धर्मेंद्र का निधन हो गया। अस्पताल में भर्ती होने पर चिकित्सकों की एक टीम लगातार उनके स्वास्थ्य पर नजर बनाए हुए थी। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी आचार्य स्वामी धर्मेंद्र के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी।

वेंटिलेटर पर थे आचार्य धर्मेंद्र
एसएमएस अस्पताल में स्वामी धर्मेन्द्र को वेंटिलेटर पर रखा गया था। चिकित्सकों का कहना है कि आचार्य स्वामी धर्मेंद्र को मल्टीपल ऑर्गन इश्यू थे और उन्हें अस्पताल के आईसीयू में रखा गया था। कुछ समय पहले तबीयत ज्यादा खराब होने पर उन्हें वेंटिलेटर के सहारे इलाज दिया जा रहा था। उनकी स्थिति दिन-ब-दिन लगातार बिगड़ती जा रही थी। उन्होंने 19 सितंबर की सुबह दम तोड़ दिया। पिछले एक महीने से वे अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थे और इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी।

ये भई पढ़ें – झारखंड का 15 लाख का इनामी माओवादी महाराष्ट्र में गिरफ्तार! जानें, कौन है वो

परिजनों ने दी जानकारी
आचार्य स्वामी धर्मेंद्र की पुत्रवधू और समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष अर्चना शर्मा ने बताया था कि पिछले एक महीने से उनके स्वास्थ्य में लगातार गिरावट देखने को मिल रही थी। इसके बाद उन्हें एसएमएस अस्पताल में भर्ती करवाया गया। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजीव बगरहट्टा के निर्देशन में उनका इलाज किया जा रहा था।

बाबरी विध्वंस पर कही थी ये बात
विहिप के मार्गदर्शक मण्डल में रहे आचार्य स्वामी धर्मेंद्र रामजन्मभूमि आंदोलन के बड़े चेहरों में से एक थे। बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने जब सभी 32 आरोपियों को बरी किया था तो उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा था-सत्य की जीत हुई है। इस पर मैं प्रणाम करूंगा। हम सब मिलकर जितने भी पुराने दाग हैं, उनको धोएंगे। यह तो पहली झांकी है, काशी-मथुरा बाकी है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.