आजादी के एक सौ साल पूरा होने पर 2047 में दुनिया का सबसे प्रभुत्व संपन्न और प्रथम गणतंत्र भारत आज के बच्चों के सपनों का भारत बनेगा। इसके लिए बिहार की औद्योगिक, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक राजधानी बेगूसराय के 50 हजार से अधिक बच्चे प्रधानमंत्री को पत्र भेज चुके हैं। पत्र भेजने का सिलसिला लगातार जारी है तथा तमाम सरकारी स्कूलों के बच्चों में प्रधानमंत्री के नाम पत्र लिखने का गजब उत्साह देखा जा रहा है।
सबसे बड़ी बात है कि लगातार डिजिटल हो रहे इस युग में जब लोग डाकघर के माध्यम से भेजे जाने वाले पोस्टकार्ड और अंतर्देशीय पत्र को भूल चुके हैं, तो ऐसे में पोस्टकार्ड पर पत्र लेखन ना सिर्फ उत्साह जगह रहा है। बल्कि पत्र लेखन की पुरानी परंपरा और डाकघर के महत्व को हर बच्चों तक उजागर कर रहा है, उन्हें बता रहा है कि जब मोबाइल और टेलीफोन का दौर नहीं था तो संवादों का आदान-प्रदान कैसे होता था। आजादी के 75 वें वर्षगांठ पर अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत सभी विद्यालयों में पोस्टकार्ड लेखन अभियान का कार्य अंतिम चरण में है।
4 से 12वीं तक के बच्चों ने लिखा पत्र
विभागीय निर्देश के आलोक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम बच्चों द्वारा पोस्टकार्ड लेखन किया जा रहा है, जिसमें वर्ग चतुर्थ से 12वीं तक की सभी छात्र छात्राएं, मेरे दृष्टि में 2047 स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती पर देश कैसा हो तथा इतिहास के पन्नों से गायब स्वतंत्रता आंदोलन में स्वतंत्रता सेनानियों की भूमिका विषय पर पोस्टकार्ड लेखन किया जा रहा है। कक्षा चार से आठ तक की छात्र-छात्राओं ने अपने विचार पोस्टकार्ड के माध्यम से भेज रहे हैं। मध्य विद्यालय बीहट के प्रिया, कृष्णा, नीतू आदि ने प्रधानमंत्री को लिखा है कि 25 वर्ष बाद 2047 में देश को आजादी मिले एक सौ वर्ष हो जाएंगे तथा यह 25 वर्ष भारत के लिए अमृत काल होगा। 2047 में भारत के लिए एक बड़ा दृष्टिकोण है, भ्रष्टाचार, गरीबी, बेरोजगारी, कुपोषण और निरक्षरता की समस्याओं को दूर करना होगा। कल्पना है कि 2047 में भारत को सामाजिक बुराइयों से मुक्त एक ऐसा देश होना चाहिए, जहां सभी के लिए समानता की स्वतंत्रता हो। सभी महिलाएं सुरक्षित और शिक्षित होकर सड़क पर स्वतंत्र रूप से चलेंं, अमीर-गरीब सबको सभी सरकारी अस्पतालों में उन्नत स्वास्थ्य सुविधाएं मिले।
बच्चों ने क्या लिखा?
बच्चों ने लिखा है कि 2047 के भारत में महिलाओं को अधिक शक्तिशाली और सशक्त बनाना है, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा सुनिश्चित रहे तथा सभी को स्वतंत्रता एवं अधिकार रहे। अमीर और गरीब के बीच कोई अंतर नहीं हो, जाति, रंग, लिंग और आर्थिक स्थिति का भेदभाव से मुक्त समाज में शांति और सद्भाव हो। भारत धर्मनिरपेक्ष, शांति, समृद्धि और सच्चाई की भूमि बना रहे। भारतीय कृषि व्यवस्था में समस्या नहीं हो, भोजन और आवास के मामले में आत्मनिर्भर हो, पर्यावरण के अनुकूल, कार्बन मुक्त और हरित विकास के साथ भारत दुनिया में परचम लहराए। दुनिया का सबसे पहला गणतंत्र भारत, ऊर्जा स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में आत्मनिर्भर और विकसित देश बनकर विश्व का नेतृत्व करे। दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाए तथा पड़ोसी देशों का सबसे अच्छा दोस्त हो, लेकिन सबसे मजबूत राष्ट्र के रूप में। 2047 तक हम ऐसे भारत की कल्पना करते हैं कि विश्व के सर्वश्रेष्ठ संस्कृतियों का देश भारत एक बार फिर सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से विश्व का नेतृत्व करने में सक्षम हो। बेगूसराय प्रधान डाकघर से मिले डाटा के अनुसार अब तक 65 हजार पोस्टकार्ड डिस्ट्रीब्यूट किए गए हैं, दो लाख पोस्टकार्ड स्टॉक में हैं, जरूरत के अनुसार और मंगाए जाएंगे।