Microsoft: प्रौद्योगिकी संचालित सहयोग(Technology driven collaboration) को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स(Microsoft co-founder Bill Gates) ने 20 मार्च को केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह(Union Minister Dr Jitendra Singh) से मुलाकात की। उन्होंने भारत के नवाचार को बढ़ावा(Fostering innovation) देने और बायोमैन्युफैक्चरिंग में उछाल (Boom in biomanufacturing) में निजी क्षेत्र और स्टार्टअप(Startups) की भागीदारी बढ़ाने के लिए विस्तृत चर्चा की।
दोनों पक्षों के प्रतिनिधिमंडलों की सहायता से आयोजित इस बैठक में जीन थेरेपी, वैक्सीन नवाचार, जैव प्रौद्योगिकी विनिर्माण और भारत के उभरते स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में प्रगति को शामिल किया गया।
बायो ई3 जैसी नीतियों का समर्थन
डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने बायोटेक नवाचारों में उछाल देखा है, जिसे बायो ई3 जैसी नीतियों का समर्थन मिला है । उन्होंने भारत की जैव क्रांति को आगे बढ़ाने में निजी खिलाड़ियों और स्टार्टअप की बढ़ती भूमिका पर प्रकाश डाला, जिसमें जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद जैसे संरचित तंत्र सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं।
भारत की जैव प्रौद्योगिकी प्रगति की प्रशंसा
बिल गेट्स ने भारत की जैव प्रौद्योगिकी प्रगति की प्रशंसा की, वैक्सीन विकास में इसके नेतृत्व को स्वीकार किया, जिसमें एचपीवी और कोरोना वैक्सीन के लिए साझेदारी भी शामिल है। उन्होंने तपेदिक और मलेरिया जैसी बीमारियों से निपटने में भारत के प्रयासों का समर्थन करने में भी रुचि व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत का अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र वैश्विक स्वास्थ्य सफलताओं के लिए अपार अवसर प्रस्तुत करता है।
भारत का जैव प्रौद्योगिकी स्टार्टअप बूम पर भी चर्चा
चर्चा का एक प्रमुख विषय भारत का जैव प्रौद्योगिकी स्टार्टअप बूम था, जिसमें अब इस क्षेत्र में 10,000 से अधिक स्टार्टअप काम कर रहे हैं। डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि इनमें से 70 प्रतिशत मेडिकल और स्वास्थ्य बायोटेक पर केंद्रित हैं, जबकि बाकी कृषि, पर्यावरण और औद्योगिक जैव प्रौद्योगिकी में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने इन नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया, जिसमें तेजी से व्यावसायीकरण को सक्षम करने के उद्देश्य से वित्त पोषण और नीतिगत उपायों में वृद्धि की गई है।
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भारत जैव प्रौद्योगिकी नवाचार के लिए एक वैश्विक केंद्र बनने के लिए तैयार
भारत में जैव प्रौद्योगिकी के विकास में तेजी आने के साथ ही डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देने पर सरकार के ध्यान की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि अनुसंधान एवं विकास के लिए बढ़ती फंडिंग और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के साथ, भारत जैव प्रौद्योगिकी नवाचार के लिए एक वैश्विक केंद्र बनने के लिए तैयार है।