मनपा की अमीरी, खोल दी तिजोरी!

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मुंबई के इंसानों के साथ ही अन्य सभी जीवों के जन्म से लेकर मरण तक का ध्यान महानगरपालिका रखती है। इनमें कुत्ते, बिल्लियों से लेकर पेड़-पौधे तक शामिल हैं। ऐसे में कोरोना काल में मची तबाही के बीच उसकी जिम्मेदारी काफी बढ़ गई। मनपा अपनी इस जिम्मेदारी को कोरोना की शुरुआत से लेकर अब तक निभाने की कोशिश कर रही है। कोरोना की वजह से अपनी आय के ज्यादातर स्रोत बंद होने के बावजूद मुंबई मनपा कोरोना संक्रमितों का ख्याल रखने का प्रयत्न कर रही है। इसी क्रम में मनपा ने केईएम अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए अपनी तिजोरी खोल दी।

कम पड़ने लगे थे अस्पताल
मुंबई में कोरोना संक्रमण के मामले मार्च महीने से आने शुरू हुए थे। प्रारंभ में इससे संक्रमित मरीजों के लिए कस्तूरबा, नायर, राजावाड़ी और अन्य अस्पतालों में सुविधाएं उपलब्ध कराए गए थे। लेकिन तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण की वजह से मनपा द्वारा उपलब्ध कराए जानेवाले अस्पतालों में जगह और सुविधाएं कम पड़ने लगी। इस वजह से केईएम अस्पताल में भी कोरोना मरीजों के इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग तेज होने लगी। इस कारण मनपा प्रशासन को इस अस्पताल में भी कोरोना मरीजों के इलाज की सुविधा उपलब्ध करानी पड़ी।

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बिना टेंडर दिए गए ठेके
केईएम में कोरोना मरीजों के इलाज की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए मनपा अधिकारियों ने वक्त की नजाकत को समझते हुए बिना टेंडर मंगाए ही कई कंपनियों को ठेका दिया। इसके लिए वॉर्ड क्रमांक 2, 6, 10 और 13 में क्वारंटीन सेंटर बनाए गए। इसके लिए अतिरिक्त ऑक्सीजन टैंक बनाने के लिए लक्ष्मी एंटरप्राइजेज कंपनी को ठेका दिया गया, जबकि बिजली के काम का ठेका डिजिटल टेली सिस्टम कंपनी को दिया गया। इसी तरह अन्य कंपनियों को भी अलग-अलग काम के ठेके दिए गए। इन सभी कामों पर 3 करोड़ 88 लाख 4 हजार 506 रुपए खर्च हुए।

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