मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बच्चों के टीकाकरण और वयस्कों के बूस्टर डोज लगाए जाने को और तेज किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने 2 मई को टीम-09 की बैठक के दौरान कहा कि ट्रैक, टेस्ट, ट्रीट और टीकाकरण की नीति के सफल क्रियान्वयन से उत्तर प्रदेश में कोविड पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। वर्तमान में प्रदेश में कुल 1621 एक्टिव केस हैं। इसमें 1556 लोग घर पर ही स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। इनके स्वास्थ्य पर सतत नजर रखी जाए।
बूस्टर डोज लगाए जाने को और तेज किए जाने की जरूरत
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अब तक कोविड टीके की 31 करोड़ 50 लाख डोज लगाई जा चुकी है। 11 करोड़ 15 लाख से अधिक कोविड टेस्ट भी किए जा चुके हैं। 18 साल से अधिक आयु की पूरी आबादी को टीके की कम से कम एक डोज लग चुकी है, जबकि 88.72 प्रतिशत वयस्क लोगों को दोनों खुराक मिली है। 15 से 17 आयु वर्ग में 95.3 फीसदी से अधिक किशोरों को पहली खुराक मिल चुकी है और 67 प्रतिशत से अधिक किशोरों को दोनों डोज लग चुकी है। 12 से 14 आयु वर्ग में 63 प्रतिशत से अधिक बच्चे टीकाकवर पा चुके हैं। इन्हें दूसरे डोज लगाया जाना भी शुरू हो गया है। बच्चों के टीकाकरण और वयस्कों के बूस्टर डोज लगाए जाने को और तेज किए जाने की जरूरत है।
टेस्ट की संख्या बढ़ाये जाने की जरूरत
उन्होंने कहा कि अप्रैल के मध्य से एनसीआर एवं कुछ अन्य जिलों में केस बढ़ रहे हैं। पिछले 24 घंटे में पूरे प्रदेश में 193 नए केस की पुष्टि हुई है। इसमें गौतमबुद्ध नगर में 66, गाजियाबाद में 36, लखनऊ में 21, मेरठ में 18 और कानपुर नगर में 17 नए केस शामिल हैं। इसी अवधि में 159 लोग स्वस्थ भी हुए। जिन जिलों में केस अधिक मिल रहे हैं, वहां सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क लगाया जाना अनिवार्य कर दिया है। टेस्ट की संख्या बढ़ाये जाने की जरूरत है। जीनोम सिक्वेंसिंग का काम सतत जारी रखें।
गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं की सहज उपलब्धता के लिए ‘मुख्यमंत्री आरोग्य मेले’ सार्थक सिद्ध हो रहे हैं। विगत 1 मई को लगभग 1.63 लाख लोगों ने आरोग्य मेले का लाभ उठाया। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आयोजित होने वाले आरोग्य मेलों से अधिकाधिक लोगों को लाभान्वित कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी अस्पतालों तथा मेडिकल कॉलेजों में अग्निशमन व्यवस्थाओं का निरीक्षण करें, जिससे अग्नि की घटनाओं से कोई क्षति न होने पाए। पूरे प्रदेश में तत्काल अभियान चलाकर यह कार्य किया जाए। फसलों में आग लगने की दुःखद घटनाओं की भी जानकारी मिल रही है। इसके दृष्टिगत विशेष सावधानी बरतें। सभी फायर स्टेशन पूरी मुस्तैदी से कार्यरत रहें।
सभी गो-आश्रय स्थलों में व्यवस्था सुचारु रखी जाए। हरा चारा-भूसा आदि के समुचित प्रबंध हों। इन दिनों गेहूं की कटाई चल रही है। ऐसे में पशु चारे के लिए भूसे की खरीद का यह सही समय है। गोवंश को गर्मी अथवा धूप से सुरक्षित रखने के प्रबंध किए जाएं। विकासखंड स्तर पर 2000-2500 गोवंश क्षमता वाले एक-एक मॉडल गो आश्रय स्थल स्थापित करने का प्रयास हो।
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