शादी के लिए करना होगा वेट एंड वॉच! जानें, क्या है न्यायालय का फैसला

पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय ने गुरदासपुर के एक युवा जोड़े की याचिका पर सुनवाई की। लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल ने सुरक्षा की मांग करते हुए याचिका दायर कर कहा था कि उनकी जान को खतरा है।

162

शादी के लिए लड़कियों की न्यूनतम उम्र बढ़ाने के फैसले ने विवाद खड़ा कर दिया है। इसे लेकर पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है। न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि कानून के अनुसार 21 साल से कम उम्र के किसी भी युवा की शादी नहीं हो सकती है। लेकिन किसी विशेष मामले में, 18 वर्ष से अधिक उम्र का कपल  आपसी सहमति से एक साथ रह सकता है।

वेबसाइट लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के अनुसार उच्च न्यायालय का फैसला सर्वोच्च न्यायालय के मई 2018 के फैसले पर आधारित है। सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया था कि कोई भी दो व्यक्ति आपसी सहमति से एक साथ रह सकते हैं।

लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल की याचिका पर फैसला
उच्च न्यायालय ने गुरदासपुर के एक युवा जोड़े की याचिका पर सुनवाई की। लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल ने सुरक्षा की मांग करते हुए याचिका दायर कर कहा था कि उनकी जान को खतरा है। दोनों याचिकाकर्ताओं की उम्र 18 वर्ष से अधिक है। लड़के की उम्र भी 18 साल है। हिंदू विवाह कानून के अनुसार, वह 21 वर्ष की आयु तक शादी नहीं कर सकता। इसलिए कपल ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर सुरक्षा की मांग की। उनके वकील ने दोनों का बचाव करते हुए न्यायालय को बताया कि उन्हें डर है कि याचिकाकर्ताओं के परिवार वाले उनकी हत्या कर सकते हैं।

ये भी पढ़ें – केंद्र और राज्य में रार… अब ऐसे आरोप लगाने पर उतर आए महाराष्ट्र के मंत्री

पुलिस को सुरक्षा उपलब्ध कराने का निर्देश
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति हरनरेश सिंह गिल ने कहा कि सरकार का यह कर्तव्य है कि वह सुनिश्चित करे कि हर व्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा हो और वह सुरक्षित महसूस करे। न्यायालय ने गुरदासपुर के एसएसपी को कपल को उनकी याचिका के अनुसार सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश दिया।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.