Bulandshahr: ऐतिहासिक और आर्थिक महत्व वाला द्वितीय श्रेणी का शहर

यह वर्गीकरण जनगणना दिशानिर्देशों के अनुसार 50,000 से 99,999 के बीच की आबादी वाले शहरों को संदर्भित करता है।

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Bulandshahr: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पश्चिमी भाग (Western Part) में बसा बुलंदशहर (Bulandshahr) आधिकारिक तौर पर भारतीय जनगणना वर्गीकरण प्रणाली (Indian Census Classification System) के आधार पर द्वितीय श्रेणी (Class II) के शहर के रूप में वर्गीकृत है।

यह वर्गीकरण जनगणना दिशानिर्देशों के अनुसार 50,000 से 99,999 के बीच की आबादी वाले शहरों को संदर्भित करता है।

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विरासत और प्रगति का मिश्रण
बुलंदशहर ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है, जिसकी जड़ें प्राचीन काल से जुड़ी हुई हैं। इसे ऐतिहासिक रूप से “बरन” के नाम से जाना जाता था और इसकी विरासत महाभारत काल से जुड़ी हुई है। यह शहर परंपरा और आधुनिकीकरण के बीच संतुलन बनाए रखते हुए शिक्षा, कृषि और व्यापार के केंद्र के रूप में लगातार विकसित हुआ है।

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जनसांख्यिकी और वर्गीकरण
2011 की जनगणना के अनुसार, बुलंदशहर की जनसंख्या लगभग 222,000 थी, जो इसे श्रेणी-I शहर (100,000 से अधिक जनसंख्या) के रूप में वर्गीकृत करती है। हालाँकि, प्रशासनिक हलकों में, बुलंदशहर के कुछ क्षेत्र, विशेष रूप से छोटे नगरपालिका क्षेत्र, ग्रामीण-शहरी संक्रमण क्षेत्रों में सांख्यिकीय उद्देश्यों के लिए अभी भी श्रेणी-II पदनाम रख सकते हैं। भारतीय शहरों के लिए वर्गीकरण प्रणाली संसाधनों के आवंटन, विकास योजनाओं और शहरी नियोजन को निर्धारित करने के लिए महत्वपूर्ण है। बुलंदशहर का कुछ संदर्भों में श्रेणी-II क्षेत्र के रूप में वर्गीकरण इसकी अर्ध-शहरी विशेषताओं और विकासात्मक आवश्यकताओं को उजागर करता है।

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आर्थिक और सामरिक महत्व
बुलंदशहर एक कृषि प्रधान क्षेत्र है, जहाँ गन्ना, गेहूँ और डेयरी खेती आजीविका के प्राथमिक स्रोत हैं। यह हस्तशिल्प और मिट्टी के बर्तन जैसे उद्योगों में भी आगे बढ़ रहा है, जो इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में योगदान देता है। यमुना एक्सप्रेसवे के पास अपनी रणनीतिक स्थिति के कारण यह शहर दिल्ली और उत्तर प्रदेश के अन्य हिस्सों के बीच एक आवश्यक कड़ी के रूप में कार्य करता है।

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चुनौतियाँ और अवसर
कुछ मामलों में द्वितीय श्रेणी का शहर होने के कारण, बुलंदशहर को अर्ध-शहरी क्षेत्रों की तरह ही चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जैसे:

  • कुछ क्षेत्रों में सीमित बुनियादी ढाँचा विकास।
  • बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की बढ़ती माँग।
  • पर्यावरणीय स्थिरता के साथ औद्योगिक विकास को संतुलित करना।

हालाँकि, शहरी बुनियादी ढाँचे और आधुनिकीकरण पहलों में बढ़ते निवेश के साथ शहर विकास की राह पर है।

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महत्वपूर्ण शहरी केंद्र
बुलंदशहर, ऐतिहासिक रूप से समृद्ध और आर्थिक रूप से जीवंत शहर है, जो भारत की विकास कहानी में द्वितीय श्रेणी के शहरों की क्षमता को दर्शाता है। हालाँकि यह कुछ चुनौतियों से जूझता है, लेकिन इसकी सांस्कृतिक विरासत और रणनीतिक महत्व उत्तर प्रदेश में एक महत्वपूर्ण शहरी केंद्र के रूप में इसका स्थान सुनिश्चित करता है।

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