केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कनेक्टिविटी प्रदान करने और गतिशीलता में सुधार के लिए तरंगा हिल-अंबाजी-अबू रोड नई रेल लाइन को मंजूरी दी है। इस परियोजना की अनुमानित लागत 2798.16 करोड़ रुपये है और इसका काम 2026-27 तक पूरा हो जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में 13 जुलाई को हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इन धार्मिक और पर्यटक स्थलों को रेल लाइन से जोड़ने के फैसले को मंजूरी प्रदान की गई।
काफी समय से की जा रही थी मांग
मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने 13 जुलाई को कहा कि इन धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल को रेल से जोड़ने की मांग लम्बे समय से की जा रही थी। उन्होंने कहा कि 116.5 किलोमीटर की यह रेल लाइन अगले चार सालों में बनकर तैयार होगी। इस पर 2,798 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके निर्माण के दौरान 40 लाख कार्यदिवस का रोजगार और स्वरोजगार सृजित होगा। यह परियोजना मौजूदा अहमदाबाद-आबू रोड रेलवे लाइन के लिए वैकल्पिक मार्ग भी प्रदान करेगी।
इन क्षेत्र के लोगों को विशेष लाभ
उन्होंने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से भी यह महत्वपूर्ण निर्णय है। नई रेल लाइन बनने से मेहसाणा पालनपुर रेल लाइन और डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर यातायात का दबाव कम होगा। इस रेल लाइन से गुजरात और राजस्थान के सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को नई सुविधा मिलेगी और दोनों राज्यों के महत्वपूर्ण स्थानों को इससे जोड़ा जाएगा। दो धार्मिक स्थलों अम्बा जी शक्तिपीठ और अजीतनाथ जैन मंदिर के लिए कनेक्टिविटी बढ़ेगी। कृषि और स्थानीय उत्पादों की आवाजाही तीव्र होगी।
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लाखों श्रद्धालुओं का होता है आगमन
उल्लेखनीय है कि अंबाजी एक प्रसिद्ध महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है और भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक है और हर साल गुजरात के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों और विदेशों से लाखों भक्त यहां आते हैं। इस लाइन के बनने से इन लाखों श्रद्धालुओं को यात्रा में आसानी होगी। इसके अलावा, तरंगा हिल में अजीतनाथ जैन मंदिर (24 पवित्र जैन तीर्थंकरों में से एक) के दर्शन करने वाले भक्तों को भी इस रेल संपर्क सुविधा का लाभ होगा।