केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 15वें वित्त आयोग की शेष अवधि (साल 2022-23 से 2025-26 तक ) के लिए 12882.2 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय(डोनियर) की योजनाओं को जारी रखने की मंजूरी दी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए 12882 करोड़ रुपये की मंजूरी दी।
विकास के कामों में किए जाएंगे खर्च
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री जी किशन रेड्डी ने 5 जनवरी को आयोजित प्रेसवार्ता में बताया कि 12882 करोड़ रुपये विभिन्न मंत्रालयों की परियोजनाओं पर खर्च किए जाएंगे। इन राज्यों में रेलवे, हवाई कनेक्टिविटी, सड़क निर्माण, कृषि और टूरिज्म की 202 से अधिक परियोजनाओं पर काम चल रहा है। स्वीकृत इस फंड से पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी।
टास्क फोर्स का गठन
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ने बताया कि कृषि क्षेत्र के विकास के लिए वहां एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जिसमें डोनियर और राज्यों के कृषि अधिकारी शामिल किए गए हैं। इसी तरह पर्यटन के विकास के लिए भी एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है।
आठ साल में चार लाख करोड़ खर्च
उन्होंने कहा कि पिछले आठ सालों में पूर्वोत्तर राज्यों में चार लाख करोड़ रुपये के विकास कार्यों पर काम हुआ है। इन राज्यों में बेहतर कनेक्टिविटी के लिए यहां 17 एयरपोर्ट बनाए जा चुके हैं। पहले यहां नौ एयरपोर्ट हुआ करते थे। इन राज्यों में निजी भागीदारी बढ़ाने के लिए उन्होंने निवेशकों का आह्वान करते हुए कहा कि पूर्वोत्तर राज्य आने वाले समय में निवेश के लिए बेहतर स्थान होने वाला है।